Amazon-ट्रिब्यूनल ने आज अपने फैसले में सीसीआई के अमेजन फ्यूचर कूपंस के सौदे के निलंबन के आदेश से सहमति जताते हुए उसे कायम रखा। ट्रिब्यूनल ने माना कि अमेजन ने आयोग के समक्ष इस करार का पूरा खुलासा नहीं किया था।
फ्यूचर-अमेजन मामले में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अमेरिका मूल की बहुराष्ट्रीय कंपनी अमेजन (Amazon) पर 202 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अमेजन पर यह जुर्माना लगाया है।
अमेजन ने इस जुर्माने को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल की पीठ ने आज अपने फैसले में सीसीआई के अमेजन फ्यूचर कूपंस के सौदे के निलंबन के आदेश से सहमति जताते हुए उसे कायम रखा। ट्रिब्यूनल ने माना कि अमेजन ने आयोग के समक्ष इस करार का पूरा खुलासा नहीं किया था।
ट्रिब्यूनल की दो सदस्यीय पीठ के जस्टिस एम. वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा ने अमेजन को आदेश दिया कि वह 45 दिनों में उक्त जुर्माना राशि फ्यूचर समूह को चुकाए। निष्पक्ष व्यापार के लिए गठित नियामक सीसीआई ने अमेजन के फ्यूचर कूपंस लि. (FCPL) के साथ के दो साल पूर्व हुए करार को दिसंबर में निलंबित कर दिया था। सीसीआई ने अपने आदेश में कहा था कि अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन ने करार की मंजूरी लेते वक्त सूचनाएं छिपाई थी।
एनसीएलएटी ने सीसीआई के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) में अपने रणनीतिक हितों के बारे में पूरी और पारदर्शी जानकारी नहीं दी। बंद हो चुके रिटेल स्टोर चेन बिग बाजार (Big Bazaar) का संचालन फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) करती थी।