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    हर घर तिरंगा-500 करोड़ रुपये का हुआ बिजनेस, लोकल पर वोकल को बड़ा बूस्‍ट- कैट 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान ने लोकल फार वोकल और आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को बड़ा बूस्‍ट दिया है. हर घर तिरंगा अभियान से देश भर में इस बार 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री से करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की भावना के साथ-साथ को-ऑपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं.

    10 लाख से ज्‍यादा लोगों को मिला रोजगार 

    CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी देश भर में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है. पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी. ध्वज संहिता में इस संशोधन ने देश में 10 लाख से ज्‍यादा लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया.

    आत्‍मनिर्भर भारत, लोकल पर वोकल को बड़ा बूस्‍ट 

    खंडेलवाल ने बताया कि पीएम मोदी की इस मुहिम से लोकल फार वोकल और आत्‍मनिर्भर भारत को बड़ा बूस्‍ट मिला है. SME मैन्‍युफैक्‍चरिंग और व्यापार क्षेत्र ने सबसे ज्‍यादा संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया. आम तौर पर बनाए गए ध्वज के विभिन्न आकारों में 6800×4200 मिमी, 3600 x 2400 मिमी, 1800×1200 मिमी, 1350×900 मिमी, 900×600 मिमी, 450×300 मिमी, 225×150 मिमी और 150×100 मिमी शामिल हैं. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भारतीय तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी. जबकि, हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है. बता दें, पिछले 15 दिनों के दौरान, पूरे देश में कैट के झंडे तले बड़ी संख्यां में व्यापारी संगठनों ने 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए. 

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