महाराष्ट्र पुलिस ने ठाणे के मानपाड़ा इलाके में स्थित आईसीआईसीआई बैंक की तिजोरी से 12 करोड़ रुपये की चोरी करने के मामले के मुख्य आरोपी को पुणे से गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी घटना के ढाई महीने बाद हुई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान अल्ताफ शेख (43) के तौर पर हुई है और उसके पास से करीब नौ करोड़ रुपये भी बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने शेख को सोमवार को गिरफ्तार किया। इसी के साथ पुलिस अबतक मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें शेख की बहन नीलोफर भी शामिल है। पैसों की चोरी 12 जुलाई को हुई थी।
मानपाडा थाने के एक अधिकारी ने कहा, “ शेख मुंब्रा का निवासी है और आईसीआईसीआई बैंक में निधिपाल के तौर पर काम करता था। निधिपाल के तौर पर वह बैंक के लॉकर की चाबियों का रखवाला था। उसने चोरी की योजना बनाने, व्यवस्था में खामियों का अध्ययन करने और इसे अंजाम देने के लिए उपकरण हासिल करने में एक साल लगाया।”
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शेख ने एसी के डक्ट को चौड़ा किया ताकि नकद राशि कचरा फेंकने वाले पाइप तक पहुंच सके। उसने सीसीटीवी कैमरों के साथ भी छेड़छाड़ की।
अधिकारी ने कहा, “ अलार्म सिस्टम को निष्क्रिय करने और सीसीटीवी कैमरों में छेड़छाड़ करने के बाद शेख ने बैंक की तिजोरी खोली और नकदी को डक्ट के जरिए नीचे भेजा। यह घटना तब सामने आई जब बैंक ने महसूस किया कि सुरक्षा राशि और सीसीटीवी का डीवीआर गायब था, जिसके कारण निरीक्षण दल को बुलाया गया।”
पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद शेख फरार हो गया। वह अपना हुलिया बदल लेता था और अपनी पहचान छुपाने के लिए बुर्का भी पहनता था।
पुलिस ने बताया कि उसकी बहन नीलोफर उसकी गतिविधियों के बारे में जानती थी और उसने कुछ नकद राशि अपने घर में छुपाई थी। उसे मामले में सह आरोपी बनाया गया है।
अधिकारी ने बताया कि शेख को सोमवार को पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस बैंक से चोरी किए गए 12.20 करोड़ रुपये में से करीब नौ करोड़ रुपये ही बरामद कर पाई है। उन्होंने कहा कि शेष रकम जल्द बरामद कर ली जाएगी।
शेख को ठाणे और नवी मुंबई पुलिस ने संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने नीलोफर और तीन आरोपियों अबरार कुरैशी (33), अहमद खान (33) और अनुज गिरी (30) को गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया कि मामले में और आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है तथा मामले की जांच की जा रही है।