सीमा शुल्क चोरी के दो दशक पुराने मामले में यहां की एक अदालत ने दो पूर्व सीमा शुल्क अधिकारियों समेत तीन वरिष्ठ नागरिकों को दोषी ठहराया है और 5.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एस यू वडगांवकर ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वास्थ्य के लिए गंभीर परिणाम हैं। अदालत ने मुख्य आरोपी तौफीक गफ्फार (71) को सात साल जेल की सजा सुनाई और उसे 5.30 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया।
गफ्फार पर फर्जी कंपनी बनाने का आरोप
गफ्फार ने कथित तौर पर रामा सिंटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फर्जी कंपनी बनाई जिसके माध्यम से जाली दस्तावेज ईओयू के पंजीकरण के लिए सीमा शुल्क विभाग को जमा किए गए। सीबीआई ने आरोप लगाया कि शुल्क मुक्त ईओयू योजना के तहत जाली खरीद प्रमाण पत्र जमा कर कपड़े की 38 खेपों को साफ करने में आरोपियों की भूमिका थी। इन जाली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर 4.25 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क छूट हासिल की गई।