प्रवर्तन निदेशालय ने मोबाइल गेम चलाने वाली एक कंपनी और उससे संबंधित संस्थाओं पर छापा मारने के बाद 68 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि को जब्त कर लिया है। इस कंपनी ने कथित तौर पर बच्चों सहित कई लोगों को धोखा देकर उनसे अनधिकृत भुगतान निकालकर इन्हें सिंगापुर स्थानांतरित कर दिया। संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कोडा पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CPIPL) के तीन परिसरों की तलाशी ली और कहा कि कंपनी ने अब तक 2,850 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जिसमें से 2,265 करोड़ रुपये बाहर भेजे गए हैं।
ईडी ने कहा कि कंपनी ने गरेना फ्री फायर, तीन पत्ती गोल्ड, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे मोबाइल गेम चलाए और कंपनी के खिलाफ कई पुलिस प्राथमिकियों के बाद उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि कोडा पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वेब / गेमर्स से मोनेटाइजिंग और पैसा कमाने के नाम पर पैसे लेता था जिसमें अधिकतर बच्चे शामिल थे। ईडी ने कहा कि इन गेम यूजर्स को डिजिटल टोकन बेचे गए जिसका इस्तेमाल खेलने के अनुभव को बढ़ाने के लिए किया जाता था।
गरेना और कोडा पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसे गेम डेवलपर्स ने जानबूझकर भुगतान तंत्र को इस तरह से डिजाइन किया है कि पहले सफल लेनदेन के बाद, एक नोटिफिकेशन पॉप-अप होती है जो बिना किसी प्रमाणीकरण के बाद के भुगतान करने की अनुमति मांगती है। ईडी ने कथित धोखाधड़ी के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि चूंकि बच्चे इन तकनीकी शर्तों से अवगत नहीं हैं, इसलिए वे नियमित रूप से नोटिफिकेशन पर क्लिक करते हैं और बिना किसी प्रमाणीकरण के भविष्य के सभी भुगतान करने की मंजूरी दे देते हैं। ‘फ्री फायर’ बनाने वाली गरेना की भारत में कोई कंपनी या उपस्थिति नहीं है और यह सिंगापुर से संचालित होती है।