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    “आदि महोत्सव” : मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में होगा आयोजन

    Aadi Mahotsav

    आदि महोत्सव 16 फरवरी से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कलाओं का एक बड़ा उत्सव है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।

    प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा, ‘राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।’

    आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कलाओं का एक बड़ा उत्सव

    जनजातीय समाज के योगदान का हो उचित सम्मान

    पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए कदम उठाने में सबसे आगे रहे हैं और वह देश के विकास में उनके योगदान का उचित सम्मान भी करते हैं।

    आदिवासी संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की एक वार्षिक पहल है।

    16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में होगा आयोजन

    इस साल इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया जा रहा है।

    पीएमओ के मुताबिक कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

    महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगर लेंगे भाग 

    पीएमओ ने कहा कि चूंकि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में जनजातीय समुदाय द्वारा उगाए गए ‘श्री अन्न’ को प्रदर्शित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    इन व्यंजनों का चख सकेंगे स्वाद

    Aadi Mahotsav

    16 से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। वहीं 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,वा रोटी, भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश का जायका खास तौर पर मिलेगा

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