मानसून की विदाई तो हो गई लेकिन अक्तूबर में कई राज्यों में बेमौसम बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। दिल्ली में बारिश ने 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। बीते 24 घंटे में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 2007 के बाद से इस अवधि की दूसरी सर्वाधिक बारिश है।
मौसम विभाग ने बारिश को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र समेत 23 राज्यों में यलो अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश के तो 45 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी है। प्रदेश के कई जिलों में वर्षाजनित हादसों में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ व लखनऊ समेत दो दर्जन जिलों में प्रशासन ने एहतियातन सोमवार को स्कूल बंद करा दिए हैं।
विभाग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। जबकि, गुजरात के कुछ हिस्से, तेलंगाना, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल व पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम, अरुणाचल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
आज से कुछ राहत…
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दिल्ली में सोमवार से बारिश का दौर कम हो जाएगा। अगले 24 घंटे में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी दर्ज की जा सकती है। वहीं, मंगलवार से मौसम पूरी तरह साफ होने की संभावना है।
अधिकतम व न्यूनतम तापमान के बीच अंतर में रिकॉर्ड कमी
दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री से. और शनिवार को अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री से. के बीच का अंतर 2.6 डिग्री था, जो 1969 के बाद सबसे कम अंतर है। इससे पहले, सबसे कम अंतर 19 अक्तूबर 1998 को 3.1 डिग्री था। वहीं, बारिश से रविवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह ‘संतोषजनक’ श्रेणी में पहुंच गई।
मानसून की बारिश नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, यह मानसून की बारिश नहीं है। 516.9 मिमी बारिश के बाद मानसून दिल्ली से 29 सितंबर को लौट गया था। इस बारिश का कारण पश्चिमी विक्षोभ माना जाता है, जो निचले स्तर पर पुरवाई हवाओं के साथ मध्य व ऊपरी वायुमंडल में कम हवा के दबाव से बनता है।
उत्तर प्रदेश में सरयू, राप्ती व चंबल नदियां उफान पर हैं, कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। किसानों की हजारों हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गई है। बिजनौर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से दो मीटर नीचे है। कालागढ़ डैम में जलस्तर 355 मीटर के ऊपर पहुंच गया है।
पहाड़ों पर बर्फबारी
पहाड़ी राज्यों में सीजन की पहली बर्फबारी हो चुकी है। उत्तराखंड के चमोली में बर्फबारी से ठंड का अहसास होने लगा है। कुमाऊं में 68 सड़कों पर यातायात ठप है, राजमार्ग भी बंद है। हेमकुंड साहिब में दो दिन से बर्फबारी के कारण यात्रा रोक दी है।