दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केटी थॉमस और पूर्व उप-लोकसभापति करिया मुंडा को पीएम केयर्स फंड का ट्रस्टी बनाया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में बयान जारी कर फैसले की पुष्टि की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पीएम केयर्स फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के साथ बैठक की थी.
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई थीं. बता दें कि दोनों ही पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टी हैं. इसी बैठक में रतन टाटा, केटी थॉमस और करिया मुंडा को फंड के नए ट्रस्टी के तौर पर शामिल किया गया.
एडवाइजरी बोर्ड के गठन के लिए अन्य दिग्गज नामित
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने मिलकर पीएम केयर्स फंड का एडवाइजरी बोर्ड गठित करने के लिए अन्य प्रतिष्ठित शख्सियतों को नामित किया. इन लोगों में भारत के पूर्व कैग राजीव महर्षि, इन्फोसिस फाउंडेशन की पूर्व चेयरमैन सुधा मूर्ति और इंडिया कॉर्प्स व पीरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह शामिल रहे.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए ट्रस्टी और एडवाइजर्स के जुड़ने से पीएम केयर्स फंड के कामकाज पर व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन लोगों का सार्वजनिक जीवन में अनुभव ट्रस्ट को सार्वजनिक जरूरतों के लिए अधिक उत्तरदायी बनाने में मदद करेगा.
बच्चों की मदद के लिए की गई पहल
बैठक में फंड की मदद से चलाई गई स्कीम्स के बारे में भी जानकारी दी गई. इसमें बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन भी शामिल थी, जिसके तहत 4345 बच्चों की सहायता की गई है.
क्या है पीएम केयर्स फंड?
पीएम केयर्स फंड की स्थापना कोविड-19 महामारी की शुरुआत के कुछ दिन बाद की गई थी. इस फंड की शुरुआत महामारी के कारण उत्पन्न हुई किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में मदद मुहैया कराने व प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी. इस फंड में किसी भी शख्स या संस्थान द्वारा स्वैच्छिक रूप से दान किया जा सकता था. इसमें किए गए डोनेशन पर टैक्स छूट के लिए दावा भी किया जा सकता है. वित्त वर्ष 2020-21 में पीएम केयर्स फंड में करीब 7,032 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.