पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को लेकर खुलासा हुआ है कि उन्होंने टीईटी भर्ती घोटाले में एक अहम भूमिका निभाई थी और घूस के तौर पर करीब 20 करोड़ रुपये वसूले थे.
जानकारी के मुताबिक तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल को एक बार फिर प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने तलब किया है. ED के सामने तापस मंडल ने कहा कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए माणिक भट्टाचार्य लोगों को भेजकर पैसे लेते थे. इस ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन से जुड़े आर्थिक लेनदेन का हिसाब देने के लिए बुधवार को तापस ईडी के दफ्तर पहुंचे थे और इस पूरे खुलासे से माणिक भट्टाचार्य को बड़ा झटका लगा है.
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि जो छात्र 2018 से 2022 तक तीन शैक्षणिक वर्षों में टीईटी परीक्षा के लिए डीएलईडी प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उनसे नियमित रूप से पैसा लिया गया है. मूल रूप से, डीएलईडी प्रशिक्षण के 600 कॉलेजों में ऑफ़लाइन प्रवेश के लिए पैसा लिया गया था. ईडी ने कहा कि माणिक उन छात्रों के नाम के ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था करता था जो प्रशिक्षण लेने के इच्छुक थे और ऑनलाइन पंजीकरण के लिए निर्धारित तिथि पर पंजीकरण नहीं करा सके.