रिलायंस-फ्यूचर कीबात करीब दो महीने पुरानी है। फरवरी के आखिरी हफ्ते में आशीष ग्रॉसरी खरीदने के लिए भोपाल के डीबी मॉल में मौजूद बिग बाजार स्टोर में जाते हैं।
रिलायंस स्टोर में एंटर करते समय वहां खड़ा सिक्योरिटी गार्ड उन्हें रोक देता है।
वो आशीष से कहता है कि स्टोर बंद है। तभी आशीष की नजर वहां लगे एक बोर्ड पर पड़ती है।
इस पर बिग बाजार का नाम नहीं था।
अब चलते हैं अप्रैल के महीने में। तारीख 23 अप्रैल 2022, दिन शनिवार।
खबर आती है कि रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप के साथ अपनी 24,713 करोड़ रुपए की डील कैंसिल कर दी।
ये वही डील थी जिसे अवैध बताते हुए अमेजन कोर्ट पहुंचा था । पिछले 2 साल से दुनिया के 2 अमीर बिजनेस टाइकून- जेफ बेजोस और मुकेश अंबानी के बीच करीब 900 अरब डालर (लगभग 69 लाख करोड़ रुपए) के भारत के रिटेल मार्केट को कैप्चर करने के लिए इस डील को लेकर जंग छिड़ी थी ।
सबसे पहले जानिए पूरा मामला
भारत का रिटेल मार्केट करीब 900 अरब डॉलर (लगभग 69 लाख करोड़ रुपए) का है।
साल 2024 तक इसके 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 100 लाख करोड़ रुपए) होने की उम्मीद है।
यही वजह है कि अमेजन और रिलायंस जैसी कंपनियां भारत के रिटेल ऑनलाइन मार्केट के साथ ऑफलाइन मार्केट को भी ज्यादा से ज्यादा कैप्चर करना चाहती है।
इन कंपनियों के पास ऑफलाइन मार्केट के कैप्चर करने के दो तरीके थे।
रिलायंस और अमेजन ने शॉर्टकट चुना
ऐसे में रिलायंस और अमेजन दोनों ने शॉर्टकट चुना और भारत के ऑफलाइन रिटेल मार्केट के सबसे बड़े प्लेयर किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल के टेकओवर का फैसला लिया।
लेकिन, यहां अमेजन के साथ एक परेशानी थी।
2018 के फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) नियमों के तहत अमेजन, फ्यूचर रिटेल की 100% हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता था।