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    मुंबई के हजारों व्यापारियों और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।

    दारूखाना आयरन, स्टील एंड स्क्रैप मर्चेंट एसोसिएशन के बैनर तले व्यापारियों ने ट्रस्ट के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का शंखनाद कर दिया है।

    व्यापारियों की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे राजीव खंडेलवाल ने नाराजगी भरे शब्दों में बताया कि ट्रस्ट और सरकार व्यापारियों की नहीं सुन रही है।

    इसलिए अब व्यापारियों को ट्वीट मोर्चा लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

    व्यापारी संगठनों ने दारूखाना आयरन, स्टील एंड स्क्रैप मर्चेंट एसोसिएशन की अगुवाई में हाल ही में एक बड़ी सभा भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर की उपस्थिति में की।

    इस बैठक में मुंबई पोर्ट ट्रस्ट द्वारा अपनी जमीन के किराये में मनमानी बेहताशा वृद्धि किये जाने का व्यापारियों ने एक स्वर में कड़ा विरोध किया। व्यापारियों का कहना है|

    यदि ट्रस्ट ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो उनका व्यापार ठप्प हो जायेगा और प्रत्यक्ष-अप्रतक्ष मिलाकर लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे।

    मुंबई के हजारों व्यापारियों और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।

    जमीन के किराये में 3000 फीसदी तक की वृद्धि हुई

    व्यापारियों के बागी तेवर का नेतृत्व कर रहे राजीव खंडेलवाल बताते हैं कि कोरोना महामारी के चलते मुंबई का व्यापारी बुरी तरह से आर्थिक तंगहाली के दलदल में फंसा हुआ है।

    इसके बावजूद मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने टेरिफ अथॉरिटी ऑफ मेजर पोर्ट ( टेम्प ) के माध्यम से अपनी जमीन के किराये में 2800 से 3000 फीसदी तक की वृद्धि भारी भरकम बढ़ोतरी कर दी है।

    ध्यान रहे कि ट्रस्ट की जमीन पर सालों से पट्टे पर हजारों व्यापारियों के कारखानें, दुकानें और कार्यालय हैं।

    उन्होंने बताया कि व्यापारियों को सबसे अधिक गुस्सा इस बात पर है कि ट्रस्ट ने किराया वर्तमान महीने से नहीं बल्कि 10 साल पूर्व के समय यानी 2012 से बढ़ाया है।

    इसके साथ ही यदि कोई व्यापारी किराया भरने में विफल रहता है, तो उसे कानूनी कार्यवाही का नोटिस भी भेजा जा रहा है। यही वजह है कि ईस्टर्न मुंबई लैंड यूज़र्स एसोसिएशन नामक संगठन बनाकर व्यापारियों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है।

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