अदानी के साम्राज्य पर हिंडनवर्ग की एक रिपोर्ट का अब तक गहरा असर दिख रहा है. इस रिपोर्ट के आने से पहले गौतम अदानी जहां दुनिया के टॉप-5 अमीरों में शामिल थे, वहीं अब वो इस सूची में 15वें स्थान पर आ गए हैं. इस सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के मुकेश अंबानी एक बार फिर से गौतम अदानी से कहीं आगे निकल गए हैं.
निश्चित रूप से यह अदानी के लिए एक बहुत बड़ी चोट की तरह है. हाल ही में एक भारतीय निजी चैनल के साथ बातचीत में गौतम अदानी ने उन दौ मौक़ों के बारे में बताया जब उन्हें बहुत बुरा अनुभव मिला था.
इस बातचीत में गौतम अदानी ने कहा कि हर किसी के जीवन में कुछ लम्हे ऐसे आते हैं जिन्हें भूल जाना ही अच्छा होता है.
अदानी जिन दो वाक़यों का ज़िक्र कर रहे थे उनमें से एक था 26 नवंबर 2008 का मुंबई हमला जब उन्होंने मौत को क़रीब से देखा था. इस हमले के वक़्त अदानी ताज होटल में मौजूद थे, जहां गोलीबारी में कई लोगों की जान चली गई थी.
वहीं दूसरा मौक़ा वो था जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. ये घटना साल 1998 की है जब बंदूक़ की नोक पर उनका अपहरण किया गया था. अपहरण के बाद उन्हें छोड़ने के लिए 15 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी
कैसे हुई थी किडनैपिंग
1 जनवरी 1998 की शाम गौतम अदानी अपने एक क़रीबी शांतिलाल पटेल के साथ कार में अहमदाबाद के कर्णावती क्लब से निकलकर मोहम्मदपुरा रोड की ओर बढ़ने वाले थे.
गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार राज गोस्वामी के मुताबिक़, ”गौतम अदानी का ‘कर्णावती क्लब’ से बाहर निकलते वक्त अपहरण किया गया था. तब कर्णावती क्लब अहमदाबाद का सबसे बड़ा क्लब था.
उनकी कार के आगे एक स्कूटर आकर खड़ी हो गई. अदानी को अपनी कार रोकनी पड़ी. तभी पास के एक मारुति वैन से क़रीब छह लोग बाहर निकले और बंदूक़ की नोक पर गौतम अदानी और शांतिलाल पटेल को अपनी वैन में बिठा लिया.”
अपहरण के बाद इन दोनों को किसी अज्ञात जगह पर रखा गया था. अपहरण की घटना गुरुवार को हुई और शनिवार को अदानी सुरक्षित अपने घर पहुंच गए थे. तब इस मामले में अहमदाबाद के सरखेज पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर भी दर्ज कराई गई थी.