एक फरवरी 2021 को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद भवन में बजट 2021 पेश करेंगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 90 के दशक के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा चुनौती पूर्ण बजट होगा। सरकार का खजाना खाली है।
इस बजट में एमएसएमएई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर को राहत मिलने की संभावना है। विशेषज्ञों की मानें तो बजट 2021 में एमएसएमई को जीएसटी में राहत मिलनी चाहिए। कोरोना के कारण पिछले साल एमएसएमई सेक्टर काफी प्रभावित हुआ। इसी को देखते हुए सरकार ने आत्मनिर्भर राहत पैकेज के तहत एमएसएमई सेक्टर को कई बेनेफिट दिए थे।
इसके अलावा जानकारों का मानना है कि कारोबार ग्रोथ को बढ़ाने और एमएसएमई के प्रोत्साहन के लिए व्यावसायिक सेवाओं पर जीएसटी दर 5 फीसदी तक घटाया जाना चाहिए, जो इस समय 18 फीसदी है। वहीं, इस समय जिन सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है उनमें कानूनी पेशेवरों, कोरियर सर्विसेज और मैनेजमेंट कंसल्टिंग के अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, आर्किटेक्ट्स, एचआर, मार्केटिंग, सप्लाई चेन मैनेजमेंट तथा होस्टिंग शामिल हैं। इसके अलावा आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग, मेंटेनेंस, रिपेयर और इंस्टॉलेशन सर्विसेज भी इसी लिस्ट में शामिल हैं।
साथ ही जीएसटी के अलावा एमएसएमई सेक्टर के लिए एक और खास प्रोविजन का ऐलान किया जा सकता है। माना जा रहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही इसके लिए संकेत दे चुकी हैं। दरअसल, सरकार ने कोरोना के मद्देनजर एमएसएमई को कई बेनेफिट दिए। इस बीच बजट में और प्रावधान किए जाने की भी संभावना है।
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बजट में केंद्र सरकार एमएसएमई को एनपीए से जुड़े नियमों में भी राहत दे सकती है। एनपीए क्लासीफिकेशन पीरियड को एमएसएमई के लिए 90 दिन से 120 या 180 दिन तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार कोरोना महामारी से प्रभावित होने के चलते इस सेक्टर को ये राहत दे सकती है।
‘वर्ष 2020 लगभग हर क्षेत्र के लिए चुनौतियां वाला वर्ष रहा, इसलिए हम बजट 2021 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रत्येक क्षेत्र सरकार द्वारा बजट में संपूर्ण आर्थिक वृद्धि पर ध्यान दिए जाने और भारत को दुनिया का व्यावसायिक केंद्र बनाने के उपायों की उम्मीद कर रहा है। हमें उम्मीद है कि नई नीतियों के तहत महत्वपूर्ण पहलों को आगे बढ़ाकर, सभी क्षेत्रों में मेक इन इंडिया की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए नए और नीतिगत कदम उठाकर आरएंडडी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इसमें कोई आशंका नहीं है कि डिजिटल इनोवेशन भारत के आगामी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इस तरह से, नई प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना, प्रतिभाओं की गुणवत्ता सुधारना और एमएसएमई को सक्षम बनाना सरकार के लिए मुख्य एजेंडा होना चाहिए।’