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    चीन में कोविड प्रतिबंधों का एपल पर असर

    चीन में कोरोना प्रतिबंधों के चलते कई बड़ी कंपनियों के उत्पादन पर असर पड़ रहा है। इस प्रतिबंध की चपेट में Iphone बनाने वाली कंपनी एपल भी आ गई है। कंपनी ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि वह चीन में  अपने असेंबली प्लांट में  iPhone 14 का उत्पादन अस्थायी रूप से कम कर दिया है। इसकी वजह से ग्राहकों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।  इसका मतलब है कि क्रिसमस की खरीदारी के मौसम से पहले iPhone 14 की शिपमेंट प्रभावित हो सकती है। इस कदम से Apple की तिमाही बिक्री पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा और उपभोक्ताओं के   Apple के हाई-एंड मॉडल यूज करने पर भी ब्रेक लगी रहेगी।

    एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग इकाई फॉक्सकॉन के हजारों कर्मचारी कोरोना से पीड़ित

    कोरोना के बढ़ते मामले की वजह से चीन में लॉकडाउन लग रहा है। एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग इकाई फॉक्सकॉन के हजारों कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं। इसलिए वहां काम ठप है। उत्पादन घटने की आशंका से फॉक्सकॉन सितंबर से ही भारत में आईफोन-14 बना रही है। एपल फिलहाल भारत में आईफोन एसई, आईफोन-12, आईफोन-13 और आईफोन-14 मॉडल बनाती है।

    कंपनी ने जारी किया बयान

    Apple कंपनी ने कहा है कि झेंग्झौ संयंत्र प्रो मॉडल बनाने के लिए सबसे बड़ा प्लांट है लेकिन कोरोना की चपेट में आने की वजह से कई कर्मचारी बीमार हो गए हैं या तो कंपनी छोड़कर चले गए हैं। फिर भी हम अपने कुछ वर्कर्स की मदद से सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए सामान्य उत्पादन स्तर पर लौटने के लिए  काम कर रहे हैं। हम जल्द ही रिकवर कर लेंगे। असुविधाओं के लिए हमें खेद है। Apple का  झेंग्झौ प्लांट और हजारों श्रमिकों को रोजगार देता है। अक्तूबर की शुरुआत में, संयंत्र के पर्यवेक्षकों ने अचानक घोषणा की कि कारखाने में  कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद 3,000 श्रमिकों को क्वारंटीन कर दिया गया था।

    फॉक्सकॉन प्लांट ने भी जारी किया बयान

    इस बीच, एप्पल के फॉक्सकॉन प्लांट ने कहा है कि उसे संक्रमणों के खिलाफ लंबी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है और मध्य चीन में झेंग्झौ में विशाल परिसर के चारों ओर सख्ती बरती गई है। स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को कारखाने के आसपास के क्षेत्र को बंद कर दिया, लेकिन इससे पहले कर्मचारियों के पैदल भाग जाने और संयंत्र में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल की कमी की खबरें भी सामने आईं। चीन एक शून्य-कोविड रणनीति के लिए प्रतिबद्ध अंतिम प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो उभरते हुए प्रकोपों पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन, बड़े पैमाने पर परीक्षण और क्वारंटीन व्यवस्था को सख्ती से लागू कर रहा है।

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