नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने मल्टीप्लेक्स सिंगल ट्यूब रीयल टाइम आरटी पीसीआर तकनीक की खोज की है। इस आरटी पीसीआर तकनीक से प्राप्त रिपोर्ट को सबसे बेहतर और गुणवत्तायुक्त माना जाता है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने सिर्फ एक नमूने से तीन बीमारियों की जांच का तरीका खोज निकाला है। यह अन्य देशों की तुलना में बेहतर है, क्योंकि वे एक समय में केवल एक ही बीमारी की जांच कर सकते हैं। यूरोपीय तरीका अलग है और इलाज के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
भारत में वास्तव में कुछ स्मार्ट वैज्ञानिकों ने यह परीक्षण करने का एक नया तरीका बनाया है कि क्या किसी को कोई बीमारी है। यह परीक्षण वास्तव में अच्छा है और डॉक्टरों को यह तय करने में मदद करता है कि बीमार व्यक्ति की मदद कैसे की जाए। वे यह भी बता सकते हैं कि क्या व्यक्ति फिर से बीमार हो गया है या एक ही समय में एक से अधिक बीमारियाँ हैं। लोग जल्द ही इस टेस्ट को खरीद सकेंगे।
100 फीसदी सटीक परिणाम
खोजकर्ता एनआईवी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वर्षा पोतदार ने बताया, मरीजों पर इसके परिणाम जानने के लिए कुछ क्लीनिकल ट्रायल किए, जिनमें 100 से ज्यादा रोगियों के नमूने लिए गए। इसमें पता चला कि तकनीक ने इन्फ्लूएंजा ए, बी और कोरोना वायरस पर क्रमश: 98, 99 और 100 फीसदी सही परिणाम दिए। इसकी किट को -20 डिग्री तापमान पर लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। इसकी एक्सपायरी अवधि एक वर्ष है, जिसे बढ़ाने के लिए अलग से शोध चल रहा है।