मुंबई की स्पेशल PMLA कोर्ट ने पिछले पांच महीने से जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत अर्जी को फिर से खारिज कर दिया है। देशमुख को 2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। देशमुख ने पिछले हफ्ते IPC की धारा 167 (2) के तहत डिफॉल्ट जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
देशमुख की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश आरएस रोकाडे ने कहा कि पहली नजर में पेश किए गए साक्ष्य से साबित होता है कि आरोपी वित्तीय घोटाले में शामिल था।
रोकाडे ने यह भी कहा कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास होने के बावजूद इस समय जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता।
अनिल देशमुख की इस याचिका का प्रवर्तन निदेशालय ने विरोध किया था।
ईडी ने कोर्ट में कहा था कि अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट का संज्ञान नहीं लिया है|
इसलिए इस याचिका का कोई महत्व नहीं है।
एक बार चार्जशीट और पूरक चार्जशीट दायर होने के बाद जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।
इसलिए स्पेशल कोर्ट इसे खारिज करें।
अनिल देशमुख की जमानत अर्जी को फिर से खारिज कर दिया है
देशमुख के खिलाफ दायर हुई है 7 हजार पेज की चार्जशीट
बता दें कि अनिल देशमुख को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर, 2021 को अरेस्ट किया था।
अभी वह न्यायिक हिरासत में है।
पिछले साल 29 दिसंबर को वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप में देशमुख और उसके बेटे के खिलाफ सात हजार पेज की पूरक चार्जशीट ईडी ने दायर की थी।
इसके अलावा देशमुख के निजी सचिव संजीव पालाडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे समेत 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दायर कर चुकी है।
पूरे मामले की शुरुआत कहां से हुई?
25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी एक SUV बरामद हुई थी।
पुलिस को SUV में जिलेटिन रॉड और वाहनों की नंबर प्लेट मिली थीं।
ये SUV उस वक्त मनसुख हीरेन की कस्टडी में थी, जिसकी लाश ठाणे के एक नाले में मिली थी।
इस मामले की जांच पहले सचिन वझे के ही जिम्मे थी, लेकिन बाद में जांच का जिम्मा NIA को सौंपा गया।
NIA ने मार्च में वझे को गिरफ्तार कर लिया।
NIA ने चार्जशीट में सचिन वझे समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया था।
वझे पर आरोप था कि उन्होंने खुद को सुपरकॉप साबित करने के लिए विस्फोटक भरी SUV अंबानी के घर के पास पार्क की थी।