भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों और रिश्तेदार से जमीन खरीदने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार नवाब मलिक की तबियत ज्यादा खराब हो गई है।
मंगलवार सुबह उन्हें जे.जे हॉस्पिटल के आईसीयू पर शिफ्ट किया गया है।
मलिक को लो ब्लड प्रेशर और पेट की समस्या के चलते सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके वकीलों ने मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया है कि मलिक की हालत गंभीर है|
उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिलनी चाहिए।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कुछ दिनों पहले अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विशेष पीएमएलए अदालत में जमानत याचिका दायर की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को इसका विरोध किया है।
दाऊद की बहन हसीना पारकर से जमीन खरीदने के आरोप में नवाब मलिक को 23 फरवरी को अरेस्ट किया गया था।
मलिक के वकील के दावे के बाद मुंबई की विशेष अदालत ने ED से उनकी हेल्थ रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है|
मामले में सुनवाई की अगली तारीख 5 मई के लिए तय कर दी है।
इस बीच मलिक की बेटी निलोफर समीर खान को अदालत ने अपने पिता से मिलने की अनुमति भी दे दी गई है।
दाऊद की बहन हसीना पारकर से जमीन खरीदने के आरोप में नवाब मलिक को 23 फरवरी को अरेस्ट किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी मलिक की याचिका
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नवाब की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया तो वहीं पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 6 मई तक बढ़ा दिया था।
मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी|
जिसके तहत हाईकोर्ट ने उनके तत्काल रिहाई के अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था।
मलिक के खिलाफ ED मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उचित कोर्ट में आवेदन करिए
जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच के इस चरण पर दखल नहीं देंगे।
ऐसे में आप उचित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कीजिए।
वहीं मलिक ने अपनी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि पीएमएलए कानून 2005 का है।
लेकिन उनकी गिरफ्तारी 1999 में हुए लेन-देन के लिए की गई।
आरोप पत्र दाखिल कर चुका है ईडी
ईडी ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ 28 अप्रैल को आरोपपत्र दाखिल किया था।
यह मामला मलिक के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन|
उससे जुड़ी संपत्तियों की खरीद में पैसों की हेराफेरी से जुड़ा है।
ईडी के वकीलों ने इस दौरान कहा था कि कोर्ट की रजिस्ट्री में 5,000 से अधिक पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी।