राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई जोनल इकाई (Mumbai Zonal Unit) ने मैसर्स सालेचा इलेक्ट्रॉनिक इंक और मैसर्स 2000 सेमीकंडक्टर्स (M/s 2000 Semiconductors) से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. आरोप है कि इन गैजेट्स को कंप्यूटर का पार्ट और मेमोरी कार्ड बता कर इसकी आड़ में अवौइध तरीके से 500 करोड़ मूल्य के आईफोन (iphone) आयात करते थे। आरोप है कि आरोपी ने आईफोन तस्करी के जरिए कस्टम ड्यूटी में 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। डीआरआई के मुतबिक आरोपी ने गलत जानकारी देते हुए अवैध रूप से कई आईफोन की खेपों को आयात करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिससे करोड़ों रुपये के सीमा शुल्क की चोरी हुई।” डीआरआई ने इस मामले में ताड़देव से दिनेश सालेचा नामके आरोपी को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार आरोपी और उसके गिरोह ने पिछले साल कंप्यूटर के पुर्जे और मेमोरी कार्ड घोषित कर 500 करोड़ रुपये के आईफोन की तस्करी की थी.सालेचा को जब अदालत में पेश किया गया तो बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी अवैध है. केंद्र सरकार (डीआरआई) की ओर से विशेष सरकारी अधिवक्ता एड. अमित मुंडे ने इस आरोप का खंडन किया कि डीआरआई को तलब करने और जांच करने का अधिकार है। मुंडे ने कहा कि आरोपी को उस अधिकार के तहत समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।