Special Cell Busted Fake Medical Certificates: जेल के अंदर रहते हुए डॉक्टर एक तरह से अंडरट्रायल कैदियों की मदद कर रहा था.
कोर्ट ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया.
उत्तर प्रदेश के नोएडा से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने एक ऐसे डॉक्टर को गिरफ्तार (Doctor Arrested) किया है जो जेल में बंद अंडरट्रायल कैदियों को जमानत (Bail To Undertrial Prisoners) और पैरोल (Parole) दिलाने के लिए फेक मेडिकल सर्टिफिकेट (Fake Medical Certificate) देने का काम करता था.
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के आदेश के बाद एफआईआर (FIR) दर्ज करके आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि आरोपी डॉक्टर की पहचान राम कृष्ण गुप्ता के तौर पर हुई है जो नोएडा के सेक्टर-75 का रहने वाला है.
आरोपी डॉक्टर राम कृष्ण गुप्ता फेक मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए 50 हजार से 1 लाख रुपये तक वसूलता था.
ऐसे हुआ फर्जी रैकेट का भंडाफोड़
दरअसल दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने साल 2019 में करीब 330 किलोग्राम ड्रग्स के साथ रईस खान नाम के एक ड्रग सरगना को गिरफ्तार किया था.
रईस खान तब से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. हाल ही में रईस खान ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी.
जमानत के लिए उसने अपनी पत्नी जीनत का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाया और कहा कि उसकी पत्नी की तबियत बहुत खराब है. उसे ऑपरेशन करवाने के लिए जमानत दी जाए.
लेकिन मेडिकल सर्टिफिकेट देखने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट को शक हुआ और स्पेशल सेल को मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच करने के साथ सर्टिफिकेट बनाने वाले डॉक्टर के बारे में भी जांच करने को कहा.
जांच में सामने आई ये बात
तभी स्पेशल सेल ने जांच की और पाया कि आरोपी राम कृष्ण गुप्ता एक झोलाछाप डॉक्टर है और विचाराधीन कैदियों को जमानत दिलवाने के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का रैकेट चला रहा है.
स्पेशल सेल ने जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल कर दी. दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करे.
पुलिस ने डॉक्टर राम कृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है.
अब तक आरोपी डॉक्टर कई विचाराधीन कैदियों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कर चुका है.
पुलिस को शक है कि इसके साथ कई लोग शामिल हो सकते हैं. जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.