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    बिहार में भ्रष्ट कर्मचारियों ने अब बेच दिया रेलवे ट्रैक

    Rail track

    बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल में रेलवे ट्रैक गायब होने का मामला सामने आया है, जिसके जवाब में आरपीएफ के दो जवानों को निलंबित कर दिया गया है. यह नोट किया गया है कि यह बिहार में रेलवे से जुड़े घोटालों की कड़ी में नवीनतम है। इस साल की शुरुआत में यह खुलासा हुआ था कि एक रेलवे इंजन को एक स्क्रैप डीलर को बेचा गया था और अब ट्रैक गायब होने का यह मामला सामने आया है. साफ है कि बिहार में रेलवे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है.

    जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ जवानों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का रेलवे कबाड़ स्क्रैप डीलर को बेच दिया गया था. समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अशोक अग्रवाल ने बताया, ’’जांच के लिए विभागीय स्तर पर जांच समिति का गठन किया गया है. रेलवे मंडल के झंझारपुर आरपीएफ चौकी प्रभारी श्रीनिवास और जमादार मुकेश कुमार सिंह सहित दो कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.’’

    Train

    रेलवे लाइन के स्क्रैप का विवाद

    डीआरएम अग्रवाल ने बताया कि ऐसा बताया गया है कि रेलवे लाइन का एक स्क्रैप आरपीएफ की मिलीभगत से बिना नीलाम किए कबाड़ के व्यापारी को बेच दिया गया है. मामले को लेकर रेल विभाग में हड़कंप मचता नजर आ रहा है.’’

    गौरतलब है कि लंबे समय से बंद पड़ी समस्तीपुर रेल मंडल के पंडौल स्टेशन और लोहाट चीनी मिल को जोड़ने वाली रेल लाइन को हाल ही में फिर से खोल दिया गया. हालांकि, इस लाइन पर कोई ट्रेन यातायात नहीं था। इसी बीच विभाग के लोगों ने इसे बेकार समझकर रेलवे द्वारा भुला दिया गया एक कबाड़ी को बेच दिया। इसकी जानकारी जब विभाग को हुई तो इसे गुप्त रखने का प्रयास किया गया, लेकिन लाखों रुपये के घोटाले और पूरे ट्रैक को उखाड़े जाने की बात पर पर्दा डालना आसान नहीं था. इस मामले में दरभंगा आरपीएफ पोस्ट व रेलवे विजिलेंस की टीम जांच कर रही है.

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