छत्तीसगढ़ में राइस मिल घोटाले के मामले में एक बार फिर से हलचल मच गई है। शुक्रवार को सुबह से ही करीब 15 स्थानों पर ईडी द्वारा छापेमारी की जा रही है। ईडी की टीम रायपुर, दुर्ग, और कोरबा में सर्च ऑपरेशन कर रही है। इस मामले में आरोप है कि छत्तीसगढ़ में एक सबसे बड़ा चावल घोटाला सामने आया है, जिसमें 2017 से 2023 के बीच 125 करोड़ रुपये के चावल का घोटाला हुआ है। आरोप है कि 12 लाख 50 हजार टन चावल खुले बाजार में बेचे गए हैं। बता दें कि राइस मिल घोटाले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ चावल घोटाला: ईडी की जांच में 15 लोकेशन पर आरोपियों के संदर्भ में जानकारी
ईडी सूत्रों ने बताया कि राइस मिल घोटाला मामले की जांच के दौरान छत्तीसगढ़ के 15 लोकेशन पर आरोपियों के होने के बारे में पता चला था। उसी के आधार पर आरोपियों के आवास और अन्य लोकेशन पर रेड और सर्च ऑपरेशन की जा रही है। राइस मिल घोटाले को लेकर स्थानीय थानों में दर्ज मुकदमों को आधार बनाकर ईडी ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया और उसके बाद कार्रवाई शुरू की है। ईडी सूत्र ने बताया कि जांच में कई ऐसे नाम सामने आए जो चौंकाने वाले हैं। हालांकि ईडी ने कहा है कि राइस मिल घोटाले की जांच अभी जारी है, इसलिए आरोपियों के नाम का खुलासा सार्वजनिक नहीं जा रहा है।
जांच में कहा गया है कि राइस मिल घोटाला एक संगठित मामला लग रहा है। इसमें नेता और अफसर दोनों शामिल हैं। हालांकि ईडी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद ही केस को कोर्ट में मूव किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक रायपुर के तिल्दा स्थित तुरुपति राइस मिल, कोरबा में मोदी राइस मिल, भिलाई के कैंबियन होटल, धमतरी के कुरुद में रौशन चंद्राकर के नाम शामिल हैं। खबरें यह भी कि छापेमारी मार्कफेड के किसी पूर्व अधिकारी के निवास पर भी हुई है। हालांकि इन छापों की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
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