उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में हुई कानपुर के एक बिजनेसमैन की मौत का मामला (Kanpur Businessman Death Case) तूल पकड़ता जा रहा है.
इस केस में 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मृतक मनीष गुप्ता (Manish Gupta Death Case) के परिजनों से मुलाकात करने के लिए अपने घर से रवाना हो चुके हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी आज (गुरुवार) कानपुर के दौरे पर हैं.
वो भी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सकते हैं.
वायरल हुआ अफसरों का वीडियो
बता दें कि इस वक्त सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें अधिकारी मृतक के परिजनों को समझाते हुए दिख रहे हैं कि वो मुकदमा नहीं दर्ज कराएं.
ये वीडियो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्विटर पर पोस्ट किया.
उन्होंने लिखा कि ये आदित्यनाथ सरकार के अधिकारी हैं. कह रहे हैं ‘FIR न लिखवाओ वरना सालों साल केस चलेगा’ SP महोदय खुद मान रहे हैं ‘पुलिसवालों का पहले से कोई झगड़ा तो था नहीं’ मतलब साफ है कि एक निर्दोष व्यक्ति की बिना किसी जुर्म के हत्या कर दी गई.
तो FIR क्यों नही? न्याय कैसे मिलेगा?
वारदात वाले दिन क्या हुआ था?
जान लें कि गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में सोमवार रात होटल में चेकिंग के दौरान कानपुर के रहने वाले रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी.
गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनंद ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से मंगलवार रात को फोन पर बात की.
राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद का आदेश दिया है.