पुणे में हुए पोर्श कार हादसे के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने एक्शन में आते हुए मंगलवार को औरंगाबाद जिले से आरोपी नाबालिग लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले सोमवार को पुलिस ने हाईकोर्ट से आरोपी के खिलाफ वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. पुलिस ने आरोपी के पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. निचली अदालत ने पुलिस की इस अपील को पहले खारिज कर दिया था.
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पुणे पोर्श हादसा: आरोपी नाबालिग के पिता गिरफ्तार
घटना 19 मई की तड़के सुबह की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक रियल एस्टेट डेवलपर के 17 वर्षीय बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार युवक-युवती को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई है. जांच में सामने आया कि आरोपी किशोर शराब के नशे में था. मरने वालों की पहचान अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई है. वे दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे.
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पुणे पुलिस का कहना है कि घटना की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल FIR दर्ज होने के बाद फरार हो गया था. क्राइम ब्रांच ने विशाल को मंगलवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया. विशाल को अब दोपहर तक पुणे लाया जाएगा.
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14 घंटे के भीतर आरोपी को मिली जमानत
किशोर न्याय बोर्ड की निचली अदालत ने आरोपी नाबालिग को 14 घंटे के भीतर यह कहते हुए कि जमानत दे दी कि अपराध इतना गंभीर नहीं था कि जमानत देने से इनकार किया जा सके. अदालत ने रिहाई पर कुछ शर्तें भी तय कीं, जिनमें 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना शामिल है.
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इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है. पुलिस कमिश्नर का यह बयान आरोपी नाबालिग को जमानत दिए जाने पर नाराजगी के बीच आया है. CP अमितेश कुमार ने कहा, आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. हमने आरोपी के साथ वयस्क की तरह व्यवहार किए जाने के लिए अदालत का रुख किया.
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