यूपी विधानसभा चुनाव से पहले PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के लिए पहुंच चुके हैं।
पीएम मोदी दोपहर एक बजे इस एक्सप्रेसवे पर बनाई गई हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान सी-130जे हरक्युलिस से पहुंचे।
उनकी अगवानी के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। पूरे प्रदेश की जनता को इस एक्सप्रेसवे के लोकार्पण का इंतजार है।
सुलतानपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने पहुंचे थे।
उनकी सुरक्षा व्यवस्था न सिर्फ जिला पुलिस, बल्कि केंद्रीय फोर्स के हाथों में थी।
पीएम की जनसभा के लिए बना मंच पूरी तरह सुरक्षा कवच में था।
पब्लिक के बैठने का एरिया भी सुरक्षा बलों की पैनी नजर में था। बावजूद इसके सपा नेत्री इन सब अभेद्य सुरक्षा कवच को भेदकर मंच के पास पहुंची और पीएम को काला झंडा दिखाते हुए योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए।
लाखों की भीड़ से निकलते हुए सपा नेत्री रीता यादव प्रधानमंत्री के जनसभा स्थल के करीब पहुंच गईं।
चप्पे-चप्पे पर लगी फोर्स को भनक तक नहीं लगी। पीएम की सुरक्षा में लगी फोर्स को खुली चुनौती देते हुए रीता यादव मंच के पास जब पहुंची और काला झंडा दिखाया तो वहां खड़े सुरक्षा कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए।
महिला सशक्तीकरण की बात करने वाली सरकार के कारिंदों ने महिला का हाथ पकड़ कर उसे घसीटते हुए लेकर गए।
PM को काला झंडा दिखाने वाली महिला पर एक्शन
पुलिस मीडिया सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रभारी गोसाईगंज सिपाहियों के हमराह प्रधानमंत्री के आगमन पर अरवल कीरी करवत थाना क्षेत्र गोसाईगंज में शांति व्यवस्था व विधि व्यवस्था ड्यूटी में लगे थे.
प्रधानमंत्री का आगमन कार्यक्रम स्थल पर हो चुका था. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के पश्चात प्रधानमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित करने के पश्चात उद्बबोधन कर रहे थे.
उसी भीड़ में एक महिला रीता यादव खड़ी होकर काला झंडा दिखाकर शांति व्यवस्था में बाधा डाल रही थी.
हुआ क्या था?
बता दें कि पीएम की सुरक्षा में लगी फोर्स को खुली चुनौती देते हुए रीता यादव मंच के पास जब पहुंची और उसने काले झंडे दिखाए तो वहां खड़े सुरक्षा कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए.
महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार के कारिंदों ने महिला का हाथ पकड़ कर उसे घसीटते हुए लेकर गए थे. चुनावी मौसम में विपक्ष इसे एक बड़े मुद्दे की तरह देख रहा है और योगी सरकार और प्रशासन पर निशाना साधने का प्रयास कर रहा है.