• Wed. Nov 6th, 2024

    एपीके डाउनलोड करवाकर लोगों को ठग रहे जालसाज, बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

    online fraud

    केंद्र सरकार की ओर से साइबर अपराध रोकने के लिए बनाए गए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले जालसाज किसी भी संस्था व बैंक से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगते थे।

    तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ ही देशभर के जालसाज भी हाईटेक होते जा रहे हैं। फर्जी वेबसाइट या यूआरएल या फिशिंग लिंक बनाने की जगह अब जालसाज एन्ड्रॉयड पैकेज किट (एपीके) को मोबाइल मे डाउनलोड करवाकर लोगों को ठग रहे हैं। पहले जालसाज धोखे से जानकारी लेकर ठगते थे। 

    वहीं, अब एपीके से पीड़ित की जानकारी चुराकर लेते हैं। नौकरी आदि के फर्जी विज्ञापन देकर ठगते हैं या ब्लैकमेल कर जबरन उगाही करते हैं। कुछ महीनों में एपीके से ठगी के मामलों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होने पर केंद्रीय गृहमंत्रालय पर अलर्ट हो गया है। इससे बचने के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

    Fraudsters

    केंद्र सरकार की ओर से साइबर अपराध रोकने के लिए बनाए गए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले जालसाज किसी भी संस्था व बैंक से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगते थे।

    भारत में साइबर अपराध को रोकने के लिए काम करने वाले एक महत्वपूर्ण व्यक्ति ने कहा कि बुरे लोग असली बैंकों या स्कूलों की तरह दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाकर दूसरों को बरगलाते थे।

    केंद्र सरकार की ओर से साइबर अपराध रोकने के लिए बनाए गए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले जालसाज किसी भी संस्था व बैंक से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगते थे।

    Share With Your Friends If you Loved it!