नई दिल्ली:
गाजियाबाद की कवि नगर पुलिस और साइबर सेल ने ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, एक कार, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य सरकारी कागजात बरामद किए हैं.
पुलिस ने बताया कि यह लोग बड़े ही शातिराना अंदाज में अपने अन्य फरार साथियों के साथ मिलकर ठगी का गिरोह चलाते हैं.
गिरोह का सरगना विजेंद्र पांच साल से दुबई में रह रहा है.
विजेंद्र से ही भारतीय लोगों को बल्क में मैसेज के द्वारा लिंक भेजकर पैसा कमाने का लालच देकर गेम ऐप डाउनलोड कराए जाते हैं.
उसके बाद यहां रहने वाले उसके गुर्गे खाताधारकों के साथ मिलकर फर्जी उद्योग दिखाकर फर्जी पते पर करंट बैंक एकाउंट खुलवा लेते हैं.
फर्जी आईडी भी एकाउंट को खुलवाने के लिए ये लोग तैयार कर लिया करते थे.
200 करोड़ की निकली ऑनलाइन गेम से ठगी गाजियाबाद:
साइबर सेल टीम को एक और बड़ी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी जब पुलिस ने ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर राज्य गिरोह के सात सदस्यों को धर दबोचा.
पुलिस ने इनके कब्जे से 7 मोबाइल, 22 एटीएम कार्ड, एक पासबुक, 4 चैक, एक आई 10 कार, 9 चैक बुक, एक वोटर आई कार्ड, तीन आधार, कार्ड तीन पैन कार्ड और 5 सिम कार्ड के अलावा भारी मात्रा में विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए हैं.
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि एक खाता बजिन्दर को उपलब्ध कराने पर इन लोगों को ₹400000 पहले दिन और ₹5000 प्रतिदिन के हिसाब से तब तक मिलते रहते हैं.
जब तक पुलिस के द्वारा बैंक खाता बंद नहीं करा दिया जाता है। इस पैसे को यह लोग खाताधारक के साथ मिलकर बराबर बांट लेते हैं.
बजिन्दर दुबई से ही ऑनलाइन गेम ऐप का आईडी पासवर्ड पीड़ित को व्हाट्सएप के द्वारा भेजता है तथा ऐप पर ही पीड़ित को एक वायलेट अकाउंट मिल जाता है.
जिसमें पीड़ित व्यक्ति अपने बैंक खाते से पैसों का लेनदेन कर सकता है.
लेकिन जैसे ही पीड़ित व्यक्ति लालच में आकर 50000 या उससे अधिक पैसे गेम में लगाता है तो वायलट ब्लॉक कर दिया जाता है और पीड़ित ठगी का शिकार हो जाता है.
साइबर सेल गाजियाबाद की अब तक की जांच में लगभग 70 चालू खाते प्रकाश में आए हैं। जिनमें लगभग 100 करोड़ से अधिक का लेन देन किया जाना सामने आया है.