पतंजलि विज्ञापन विवाद मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सामने बाबा रामदेव और बालकृष्ण तीसरी बार पेश हुए।
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बाबा रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा- हम कोर्ट से एक बार फिर माफी मांगते हैं। हमें पछतावा है। हम जनता के बीच माफी मांगने को तैयार हैं। कोर्ट ने कहा- हम बाबा रामदेव को सुनना चाहते हैं।
जस्टिस कोहली ने कहा- आपने (रामदेव) योग के लिए बहुत कुछ किया है। आपका सम्मान है, लेकिन आपने ये जो स्टेटमेंट दिया है- परम आदरणीय जज साहिब महोदया। अनकंडीशनली जो भी हमसे हुई हम अपोलोजाइज किए हैं।
आयुर्वेदिक पद्धतियों की प्रमोशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ताकत्तुल्लाह बेंच का निर्णय
जिस चीज का आप प्रचार कर रहे हैं, हमारी संस्कृति में ऐसी कई चीजें हैं। लोग सिर्फ ऐलोपैथी नहीं, घरेलू पद्धतियां भी इस्तेमाल कर रहे हैं। नानी के नुस्खे भी। आप अपनी पद्धतियों के लिए दूसरों (एलोपैथी) को गलत क्यों बता रहे हैं।
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रामदेव ने कहा- किसी को भी गलत बताने का हमारा कोई इरादा नहीं था। आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड एविडेंस के लिए तथ्य पर लाने के लिए पतंजलि ने प्रयास किए हैं। आगे से इसके प्रति जागरूक रहूंगा। कार्य के उत्साह में ऐसा हो गया। आगे से नहीं होगा।
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इस पर कोर्ट ने कहा- आप इतने मासूम नहीं हैं। ऐसा लग नहीं रहा है कि कोई हृदय परिवर्तन हुआ हो। अभी भी आप अपनी बात पर अड़े हैं। हम इस मामले को 23 अप्रैल को देखेंगे। आप दोनों (रामदेव-बालकृष्ण) उस दिन भी कोर्ट में मौजूद रहें।
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पतंजलि केस में माफीनामा
पतंजलि ने 2 और 9 अप्रैल को भी माफी मांगी, कोर्ट ने कहा- ये सिर्फ खानापूर्ति है बाबा रामदेव की तरफ से 2 अप्रैल को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच में माफीनामा दिया गया था। बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा। इसके बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी।
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10 अप्रैल की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले (9 अप्रैल को) बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। इसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।
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