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    प्रयागराज महाकुंभ भगदड़: लापरवाही के चलते 30 लोगों की मौत, 5 अफसर दोषी

    महाकुंभ

    प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले भगदड़ मच गई थी. मंगलवार देर रात करीब 2 बजे मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 लोग घायल हैं. मरने वालों में 25 लोगों की पहचान हो गई है. 36 घायलों का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. शुरुआती इलाज के बाद 24 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. 4 कर्नाटक, असम और गुजरात के 1-1 श्रद्धालुओं की मौत हुई है.

    सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने का ऐलान किया। बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ के प्रमुख स्नान होता है. मंगलवार देर रात तक करोड़ों लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे थे. जहां यह हादसा हो गया. इसके बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान रोक दिया था. भीड़ कम होने पर बुधवार दोपहर को सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया. प्रयागराज की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं.

    लोगों से मेला क्षेत्र की ओर न आने की अपील की जा रही है. साथ ही प्रशासन ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है और लोगों से संयम रखने और प्रशासन का सहयोग करने की गई है. भगदड़ में घायल हुए लोगों को एंबुलेंस से महाकुंभ मेला में बने अस्पताल में लाया गया था. जहां से कुछ को मेडिकल कॉलेज भेजा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से महाकुंभ भगदड़ पर कई बार बात की है.

    कंट्रोल रूम में बैठे रहे अफसर

    भगदड़ के बाद जिम्मेदारों ने अपनी नाकामी को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल दिया. फिल्मी सीन की तरह शूट गए वीडियो को जारी किया गया. यही दिखाने की कोशिश की गई कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई, ये तो श्रद्धालुओं का कसूर है कि इतना बड़ा हादसा हो गया. कंट्रोल रूम में बैठे डीआईजी वैभव कृष्ण अनाउंसमेंट कर रहे थे. डीआईजी वैभव कृष्ण की जिम्मेदारी भारी भीड़ को कंट्रोल करने की थी, लेकिन वह कंट्रोल रूम में बैठे रह गए. श्रद्धालुओं को अपने हाल पर छोड़ दिया. 

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    किसी ने जिम्मेदारी से झाला पल्ला तो किसी ने भगदड़ को नाकारा

    प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंथ भी मानो खानापूर्ति के लिए मेले में नजर आए. हाथ में लाउड स्पीकर थामकर अनाउसमेंट किया और जिम्मेदारियों से पल्ला झाड लिया. यानी महाकुंभ में आए श्रद्धालु अपने जान-माल के खुद जिम्मेदार हैं, इन जिम्मेदारों का कोई लेना देना नहीं है. इससे भी शर्मनाक तो ये हैं कि महाकुंभ के SSP राजेश द्विवेदी ने तो भगदड़ हुई है, इससे ही इनकार कर दिया था. सोचिए ऐसे अफसरों पर महाकुंभ की जिम्मेदारी है, तो बदइंतजामी को कौन रोक सकता था? हकीकत यही है कि मौनी अमावस्या के मौके पर क्राउड मैनेजमेंट का पूरा सिस्टम फेल हो गया. 

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    जिम्मेदार अधिकारी ही भगदड़ के कसूरवार!

    ADG भानु भास्कर के कंधों पर काउंटर मैनेजमेंट की पूरी रणनीति तैयार करने का जिम्मा था, मौनी अमवस्या से पहले ADG भानु भास्कर यही दावा कर रहे थे कि सबकुछ कंट्रोल में है, लेकिन हादसे का शिकार बने लोगों का कहना है कि यहां सब-कुछ भगवान भरोसे था, पुलिस प्रशासन की व्यवस्था का कोई नामो निशान नहीं था. मतलब यही है कि जो जिम्मेदार थे, वही भगदड़ के कसूरवार है. महाकुंभ भगदड़ पर मेला प्रशासन की प्रेस वार्ता हादसे के साढ़े 16 घंटे के बाद हुई. इसमें बताया गया कि भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की भगदड़ में मौत हो गई है.

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    4 thoughts on “प्रयागराज महाकुंभ भगदड़: लापरवाही के चलते 30 लोगों की मौत, 5 अफसर दोषी”
    1. of course like your website but you have to check the spelling on several of your posts A number of them are rife with spelling issues and I in finding it very troublesome to inform the reality on the other hand I will certainly come back again

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