जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। हमलावरों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू हो चुका है। इसके लिए सेना और CRPF की 11 टीमें मिलकर काम कर रही हैं। आतंकियों की खोजबीन के लिए जंगल को घेरकर कमांडो और ड्रोन तैनात किए गए हैं। यह घटना रविवार को हुई थी, उसी दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था।
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9 मृत, 41 घायल, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली जिम्मेदारी
बता दें कि शिव खोड़ी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैंप कटरा की ओर लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं लगभग 41 लोग घायल हो गए थें। घटना से बच निकलने वाले लोगों ने बताया था कि मुंह पर कपड़ा बांधे लोगों ने अचानक बस पर अंधाधुंध फायरिंग शुर कर दी थी। जिससे की ड्राइवर की मौत हो गई और बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। बसे के खाई में गिरने के बाद तक आतंकवादी गोली बरसाते रहें। इस घटना में एक 3 साल के बच्चे के साथ 9 लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा ली गई। जिसे पिछले साल भारत सरकार द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था।
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आतंकी अभी भी छिपे हैं, सुरक्षा एजेंसियों ने तेज किया सर्च अभियान
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक घटना में शामिल आतंकी अभी भी जंगल में छिपे हैं। जिसकी वजह से राजौरी और रियासी के पहाड़ी इलाकों में सर्च अभियान तेज कर दिया गाय है। साथ ही एजेंसी द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि इस पूरे घटना को अंजाम देने में तीन से चार लोग शामिल थें। जांच में जुटी पुलिस का कहना है कि उन्हें कुछ सुराग मिले हैं। जिसका पता लगाने के लिए अलग-अलग मोर्चों पर एक साथ मिलकर काम किया जा रहा है। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहीं ख़बर यह भी है कि कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
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हालांकि जांच में जुटी टीम का कहना है कि घने जंगल में चुपे रहने के कारण उनके सामने बड़ी चुनौती है। इस समय जंगल में आग लगने का भी खतरा रहता है। साथ ही छुपने की भी जगह मिल जाती है। फिर भी 11 टीमें जांच में जुटी है।
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