नैनीताल पुलिस ने बताया कि हल्द्वानी थाना क्षेत्र के बनभूलपुरा में पहले से ही अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा था, जिसके दौरान पथराव शुरू हो गया। उन्होंने अपने बयान में विशेष समुदाय के पथराव और आगज़नी के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति में बिगड़ गई और साथ ही सरकारी संपत्ति का भी नुक़सान हुआ।
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उत्तराखंड मुख्यमंत्री का आदेश: दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का निर्देश
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बनभूलपुरा में पुलिस ग़ैरक़ानूनी तरीके से बने एक मदरसे को तोड़ने का काम करवा रही थी, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों ने आगज़नी शुरू की और पत्थर फेंके। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया है कि मदरसा व नमाज स्थल पूरी तरह अवैध है। अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया गया था और अब इसे ध्वस्त कर दिया गया है। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एसडीएम परितोष वर्मा व थाना वनभूलपुरा एसओ नीरज भाकुनी समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। इस हिंसक वारदात के बाद हल्द्वानी में तनाव बना हुआ है। पुलिस बल लगातार गश्त कर रही है। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। बचाव में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
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हल्द्वानी: 300 से अधिक लोग घायल
मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहन को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की। इस दौरान एके 47, एसएलआर और पिस्टल से पुलिस ने करीब सैकड़ों राउंड हवाई फायरिंग की। इसके बाद भी पथराव होने पर पैरों में गोली मारी जाने लगी। जानकारी के अनुसार उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। जिसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे।
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