महाराष्ट्र के धुले में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यहां आगरा हाईवे पर एक स्कार्पियो के अंदर से 89 तलवारें और एक खंजर बरामद हुए हैं। ड्राइवर ने इन हथियारों को चित्तौड़गढ़ से जालना ले जाने की बात कबूली है। अभी तक इस मामले में 4 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
वहीं, बीजेपी नेता राम कदम ने इसे बड़ी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह तलवारें राजस्थान से यहां आईं हैं, जहां कांग्रेस की सरकार है। यह महाराष्ट्र में दंगा करवाने की बड़ी साजिश है। इससे पहले पुणे में भी ऐसे ही हथियार बरामद हुए थे, जो औरंगाबाद भेजे जा रहे थे। क्या कांग्रेस इस षड्यंत्र में शामिल है? क्या ठाकरे सरकार इस की मूल तक जाकर जांच करेगी? भाजपा नेता राम कदम ने यह भी आरोप लगाया कि जहां-जहां जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है, वहां इन हथियारों को भेजा जा रहा था। इस बड़ी बरामदगी के बाद धुले पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में हथियार किसने और किस मकसद से मंगवाए थे।
धुले में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हा
ऐसे हुई हथियारों की बरामदगी
धुले पुलिस की ओर से बताया गया कि बुधवार सुबह करीब सात बजे मुंबई-आगरा हाईवे पर सोंगिर पुलिस का गश्ती वाहन गुजर रहा था। इसी दौरान इन्होंने संदिग्ध स्कॉर्पियो (MH09-CM-0015) को शिरपुर से धुले की ओर जाते देखा। पुलिस ने स्कॉर्पियो का पीछा किया और ड्राइवर को एसयूवी रोकने की चेतावनी भी दी। लेकिन वह नहीं रुका। पुलिस ने उसका पीछा करना जारी रखा और तकरीबन आधे घंटे बाद स्कॉर्पियो को सोंगिर फाटे के पास रोका गया। इसमें एक ड्राइवर समेत तीन लोग थे। जब गाड़ी की तलाशी शुरू हुई तो उसमें से 90 धारदार हथियार बरामद हुए।
राजस्थान के चितौड़गढ़ में बने थे यह हथियार
पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार पाटिल ने बताया कि बरामद हथियार की कीमत 7 लाख 13 हजार 600 रुपए है।
पाटिल के मुताबिक, इसे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बनाया गया था।
इस संबंध में हमने वहां की पुलिस से बात किया है |
जालना पुलिस को भी इस बारे में एक्शन लेने के लिए कहा है।
इसलिए आने वाले समय में कुछ अन्य लोग भी इस मामले में अरेस्ट हो सकते हैं।
पुणे से भी बरामद हुईं थी 97 तलवारें
बता दें कि तीन सप्ताह पहले पुणे ेमें 97 तलवारें बरामद की गई थीं।
मामले में चार लोगों को अरेस्ट किया गया था।
तलवारों के अलावा आरोपियों के पास से खुखरी और अन्य सामान भी बरामद किए गए थे।
जांच पड़ताल में जानकारी सामने आई थी कि बरामद तलवारों को औरंगाबाद और अहमदनगर भेजा जाना था।