असम में शुक्रवार को रिक्टर पैमाने पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप सुबह 10.16 बजे आया और भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र में 70 किलोमीटर की गहराई में था।
वहीं इससे पहले 13 जून को दिल्ली-NCR सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। EMSC ने जानकारी दी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ से 30 किमी दक्षिण पूर्व में रिक्टर पैमाने पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद कटरा इलाके में मंगलवार और बुधवार की मध्य रात्रि भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) से मिली जानकारी के अनुसार कटरा के 81 किमी पूर्व में 10 किमी की गहराई पर बुधवार तड़के 2:20 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई थी।
यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।