चीन में भूकंप से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 200 से अधिक लोग घायल है। बता दें, चीन के उत्तर-पश्चिमी प्रांत गांसु और किंघई में सोमवार देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 आंकी गई है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर है।
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चीनी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूंकप के कारण गांसु में 100 लोगों की जान जा चुकी है वहीं किंघई में 11 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, गांसु में 96 तो किंघई में 124 लोग घायल हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की तीव्रता 5.9 आंकी गई है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि भूंकप के कारण काफी नुकसान हुआ है। पानी और बिजली व्यवस्था ठप हो गई है। परिवहन और संचार बुनियादी ढांचों को भयंकर नुकसान हुआ है।
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लान्झू में भूकंप के झटके
एक सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, गांसु की राजधानी लान्झू में भूकंप के झटके महसूस होते ही विश्वविद्यालय के छात्र अपने छात्रावासों से बाहर निकल आए। वहां हंगामा हो रहा था। चीनी मीडिया ने बताया कि रेस्क्यू दल मौके पर पहुंच गया है। बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। टेंट, फोल्डिंग बेड और रजाइयां मौके पर पहुंचाई जा रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने मृतकों की संख्या कम करने के लिए उपाय करने के भी निर्देश दिए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, जहां उनका इलाज जारी है।
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पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
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