ईरान में कल रात एक ज़ोरदार भूकंप आया, जिससे देश के कई अलग-अलग हिस्सों में नुकसान की सूचना मिली. भूकंप के कारण सात लोगों की मौत हो गई है और 440 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. लोगों में अफरातफरी का माहौल है, बचाव के प्रयास जारी हैं। हालांकि, ईरानी सरकार ने जनता से शांत रहने और राहत प्रयासों में मदद करने का आग्रह किया है. तुर्की-ईरान सीमा के पास पश्चिमी अजरबैजान प्रांत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की खबरें आई हैं, हालांकि सबसे अधिक प्रभावित शहर खोया हुआ शहर है.
ईरान की न्यूज वेबसाइट तेहरान ताइम्स के अनुसार, ठंडे मौसम और रात में अंधेरा होने की वजह से भूकंप के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) में परेशानी आ रही थी. कहा जा रहा है कि भूकंप की वजह से मरने वालों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है. भूकंप के तुरंत बाद ऊरान के गृह मंत्री सहित कई लोग खोय शहर के लिए रवाना हुए है.
तेहरान टाइम्स की खबर के अनुसार, खोय में भूकंप की वजह से कई इलाकों की बिजली भी कट गई है. विद्युत मंत्री ने बताया कि बिजली विभाग फिर से पॉवर सप्लाई शुरू करने की कोशिश कर रहा है. भूकंप की वजह से खोय के अस्पताल की दीवारों में भी दरारें (Cracks in Hospital Walls) देखी जा सकती हैं. इससे पहले 19 जनवरी को भी इस इलाके में 5.4 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था.
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि धरती में 7 प्लेट्स होती हैं, जो हर वक्त घूमती रहती हैं. जिन जगहों पर ये प्लेट्स अधिक टकराती हैं, उस जोन को फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार प्लेट्स के टकराने से उनके कोने मुड़ जाते हैं. फिर ज्यादा दबाव बनने से प्लेट्स टूटना शुरू हो जाती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजने लगती है. इस डिस्टर्बेंस की वजह से भूकंप आता है.