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    बिहार के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भूकंप से डोली धरती

    EarthquakeCloseup of a seismograph machine earthquake

    जम्मू-कश्मीर में आज सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.5 मापी गई. तीन हफ्ते पहले जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.5 मापी गई थी.

    नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में बताया था. इससे पहले बिहार के अररिया में आज ही सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई और इसकी गहराई पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर अंदर थी. बुधवार तड़के पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी इतनी ही तीव्रता का एक और भूकंप आया. सिलीगुड़ी से 140 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में आए भूकंप के झटकों की सूचना नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने दी.

    बीते रविवार और सोमवार की दरमियानी रात 2 बजकर 26 मिनट पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.6 रही थी. इसका केंद्र कैंपबेल खाड़ी से 220 किलोमीटर उत्तर में जमीन की सतह से करीब 32 किलोमीटर की गहराई में था. उस दिन अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 24 घंटों के भीतर भूकंप का यह तीसरा झटका था. पश्चिमी नेपाल में मंगलवार को समयानुसार शाम 6:50 बजे 4.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू से 140 किमी पश्चिम में गोरखा जिले के बलुवा क्षेत्र में था. नेपाली अधिकारियों के अनुसार, पड़ोसी लामजुंग और तन्हु जिलों में भी 4.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए. हालांकि, उपरोक्त सभी जगहों पर भूकंप से किसी तरह के नुकसान या किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

    भूकंप की तीव्रता और उसका प्रभाव

    यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 0 से 1.9 के बीच रहती है, तो यह महसूस नहीं किया जा सकता, सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा कि कंपन हुआ है. अगर तीव्रता 2 से 2.9 के बीच रहती है, तो बहुत हल्के झटके महसूस होते हैं, इसे भी फिजिकली नहीं महसूस किया जा सकता. रिक्टर स्केल पर 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप ऐसे महसूस होता है, जैसे कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए. वहीं रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता यदि 4 से 4.9 के बीच है, तो घरों की कांच की खिड़कियां हिलने लगती हैं, दीवारों पर टंगे सामान में हलचल होती है, पंखे, झूमर इत्यादि भी हिलते हैं. तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 से 5.9 के बीच होने पर, घरों के अंदर रखे फर्नीचर हिलने लगते हैं. यही तीव्रता 6 से 6.9 के बीच होने पर कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं, पक्के घरों में दरारें पड़ जाती हैं.

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