हिमालय क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आने की प्रबल संभावना के बावजूद इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता और इसके मद्देनजर वैज्ञानिकों ने इससे डरने की बजाय उसका सामना करने के लिए पुख्ता तैयारियों पर जोर दिया है।
यहां वाडिया हिमालय भू—विज्ञान संस्थान में वरिष्ठ भू—भौतिक विज्ञानी डा अजय पॉल ने ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया कि इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर से हिमालय अस्तित्व में आया है और यूरेशियन प्लेट के लगातार इंडियन प्लेट पर दवाब डालने के कारण इसके नीचे इकटठा हो रही विकृति उर्जा समय—समय पर भूकंप के रूप में बाहर आती रहती है ।
भूकंप रिक्टर पैमाने पर सात या उससे अधिक तीव्रता के होने की संभावना है
उन्होंने कहा, ‘हिमालय के नीचे विकृति उर्जा के इकटठा होते रहने के कारण भूकंप का आना एक सामान्य और निंरतर प्रक्रिया है। पूरा हिमालय क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है और यहां एक बड़ा बहुत बड़ा भूकंप आने की प्रबल संभावना हमेशा बनी हुई है ।’ उन्होंने कहा कि यह बड़ा भूकंप रिक्टर पैमाने पर सात या उससे अधिक तीव्रता के होने की संभावना है ।