त्रिपुरा इन दिनों भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना और एनडीआरएफ के जवान राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। सेना ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उन्होंने त्रिपुरा में 330 से अधिक लोगों की जान बचाई है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में असम राइफल्स के जवान भी तैनात किए गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़ से प्रभावित होकर 65 हजार से अधिक लोग 450 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
सेना त्रिपुरा में चला रही ऑपरेशन जल राहत
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में भारतीय सेना ने लिखा कि ‘त्रिपुरा में ऑपरेशन जल राहत के तहत राहत और बचाव अभियान के दौरान 330 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। असम राइफल्स के 21 सेक्टर मुख्यालय के तहत आने वाली 18 असम राइफल्स की दो टुकड़ियों को बाढ़ प्रभावित अमरपुर, भामपुर, बिशलगढ़ और रामनगर में तैनात किया गया है। सात नागरिकों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।’
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वहीं बाढ़ग्रस्त इलाकों का आज सीएम माणिक साहा ने हवाई सर्वे किया। मुख्यमंत्री ने त्रिपुरा से बाढ़ग्रस्त गोमती और दक्षिण त्रिपुरा के इलाकों का दौरा किया। बाढ़ के चलते बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित होना पड़ा है। बाढ़ के हालात को देखते हुए सीएम माणिक साहा ने सभी सरकारी, निजी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है।
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केंद्र सरकार ने भी दिया मदद का भरोसा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री माणिक साहा से बातचीत की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। अमित शाह ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘मैंने त्रिपुरा के सीएम से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति का मूल्यांकन किया। केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए नावों, हेलीकॉप्टरों और एनडीआरएफ की टीमों को भेजा है। जरूरत पड़ने पर केंद्र हर संभव सहायता प्रदान करेगा। मोदी सरकार इस संकट की घड़ी में त्रिपुरा के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।’
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