केरल के वायनाड जिले में मंगलवार सुबह भारी बारिश के बाद कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे कम से कम 143 लोगों की मौत हो गई और 128 लोग घायल हो गए. मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है और मलबे में सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. वायनाड में भूस्खलन के बाद बचाव और तलाशी अभियान अभी भी चल रहा है. भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया. भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं. कई मकान जमींदोज हो गए, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं.
सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल खराब मौसम के बीच पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं और पीड़ित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं.
दो दिन का राजकीय शोक घोषित, मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख
केरल सरकार ने भूस्खलन में लोगों की मौत के बाद प्रदेश में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना से बहुत दुखी है जिसमें कई लोगों की जान चली गयी है और संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. मुख्य सचिव वी. वेनू द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में 30 और 31 जुलाई को राजकीय शोक घोषित किया गया है. प्रोटोकॉल के अनुसार, इन दो दिनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द किया जाएगा.
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इससे पहले, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया था कि जिले में स्थापित 45 राहत शिविरों में 3,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने बताया कि पहला भूस्खलन तड़के दो बजे हुआ, उसके बाद दूसरा भूस्खलन सुबह चार बजकर दस मिनट पर हुआ. मुख्यमंत्री ने बताया कि मेप्पाडी, मुंदक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है तथा चूरलमाला-मुंदक्कई सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है.
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भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी, भारतीय सेना और एनडीआरएफ तैनात
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं. बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गयी है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अलावा पुलिस तथा दमकल कर्मियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है. लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं.
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भूस्खलन से प्रभावित एक गांव के भयावह दृश्यों में से एक में, कीचड़ से लथपथ एक व्यक्ति को अपनी जान बचाने के लिए बाढ़ के पानी के तेज बहाव में एक विशाल चट्टान से चिपककर खड़े होने की कड़ी मशक्कत करते हुए देखा गया. असहाय स्थानीय निवासियों ने प्राधिकारियों से उसे तुरंत बचाने का अनुरोध किया.
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