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    युवा डॉक्टरों को फुटबॉल न बनाएं ,NEET-SS सिलेबस में अंतिम समय में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार

    सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर सुपर स्पेशियलिटी 2021 (NEET SS 2021) के पैटर्न में अंतिम समय में बदलाव किए जाने को लेकर सख्त नाराजगी जताई। इसके साथ ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार इस मामले से जुड़े सभी संबंधित प्राधिकारियों के साथ बैठक कर चार अक्तूबर तक जवाब पेश करे।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्न ने कहा, ‘इन युवा डॉक्टरों से फुटबॉल की तरह व्यवहार न करें, हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। आप अपनी व्यवस्थाएं सुधारिये, यदि किसी के पास ताकत हैै तो वह उसका मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर सकता।

    यह उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते। अंतिम समय में बदलाव करने के कारण इन युवा डॉक्टरों के साथ छल हो सकता है।’

    आखिरी वक्त पर क्यों बदला सिलेबस?

    पीठ ने कहा, ‘श्री शर्मा, एनएमसी क्या कर रही है? हम उन युवा डॉक्टरों के जीवन के बारे में बात कर रहे हैं जो सुपर स्पेशियलिटी कोर्स करेंगे. आपने 23 जुलाई को परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है और फिर 31 अगस्त को सिलेबस बदल दिया है. यह क्या है? उन्हें 13 और 14 नवंबर को परीक्षा में बैठना है.’

    एनबीई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें अगले सोमवार तक जवाब दाखिल करने का समय दिया जाए, क्योंकि बदलाव करने के लिए वाजिब कारण थे और अधिकारी छात्रों की कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ थे और संबंधित तीन अथॉरिटी के अप्रूवल के बाद इसे मंजूरी दी गई थी.’

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