2 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा दोबारा कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा था कि परीक्षा के दौरान पेपर लीक या किसी गड़बड़ी के पर्याप्त प्रमाण नहीं मिले।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह NEET-UG परीक्षा से संबंधित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें लागू करेगी। सरकार ने NTA के कार्यों की समीक्षा के लिए सात सदस्यीय समिति बनाई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG याचिका खारिज की, समिति कार्यकाल बढ़ाया
2 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा फिर से कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा के दौरान पेपर लीक या गड़बड़ी के पर्याप्त प्रमाण नहीं मिले। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के कार्यकाल को बढ़ाने का भी आदेश दिया था।
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इस समिति की अध्यक्षता ISRO के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन कर रहे हैं। समिति को परीक्षा को पारदर्शी और धांधली मुक्त बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अन्य सदस्य हैं रणदीप गुलेरिया, बीजे राव, राममूर्ति के, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल और गोविंद जायसवाल।
समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र की समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है और सभी सिफारिशें लागू की जाएंगी। पीठ ने मामले को तीन महीने के लिए स्थगित कर, अप्रैल में सुनवाई का निर्देश दिया।
समिति को यह कार्य सौंपा गया था
एनटीए द्वारा आयोजित NEET-UG परीक्षा के लिए विशेषज्ञ पैनल को हजारीबाग में प्रश्न पत्र सुरक्षा और गलत सेट वितरण की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसके अलावा, समिति को परीक्षा की सुरक्षा, प्रशासन, डेटा सुरक्षा और तकनीकी सुधारों पर भी अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।2024 में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 23 लाख से अधिक छात्रों ने NEET-UG परीक्षा दी।
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