रूस-यूक्रेन जंग के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर स्वदेश लौटे मेडिकल छात्रों के लिए रूस से एक अच्छी खबर आई है। रूस ने उन सभी भारतीय छात्रों को अपने यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए आमंत्रित किया है, जिन्हें यूक्रेन से युद्ध के कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर जान बचाते हुए भारत लौटना पड़ा था।
चेन्नई में रूस के महावाणिज्य दूत ओलेग अवदीव ने कहा कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं, क्योंकि चिकित्सा पाठ्यक्रम लगभग यूक्रेन के समान है। वे लोगों की भाषा भी जानते हैं, जैसे यूक्रेन में, उनमें से अधिकांश रूसी बोलते थे। रूस में उनका सबसे अधिक स्वागत है। रूस ही उनकी पढ़ाई के लिए सबसे अनुकूल स्थान है।
यूक्रेन से देश लौटे मेडिकल छात्रों को कानून के तहत प्रावधानों की कमी के कारण यहां मेडिकल कॉलेजों में समायोजित नहीं किया जा सकता है और अब तक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा स्थानांतरित करने या स्थानांतरित करने की कोई अनुमति नहीं दी है। हालांकि, छात्रों की सहायता और सहायता के लिए जो यूक्रेन में अपने एमबीबीएस पाठ्यक्रम को पूरा नहीं कर सके, एनएमसी ने विदेश मंत्रालय के परामर्श से 06 सितंबर, 2022 को अकादमिक गतिशीलता कार्यक्रम को मंजूरी दी थी। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यूक्रेन में मूल विश्वविद्यालय/ संस्थान के अनुमोदन के आधार पर अन्य देशों में अपने शेष पाठ्यक्रमों को पूरा कर सकते हैं।