• Mon. Dec 23rd, 2024

    NCERT पैनल ने की सिलेबस बदलने की सिफारिश, किताबों में शामिल हो सकते हैं महाभारत और रामायण

    NCERT

    राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, अर्थात NCERT, ने हाल ही में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं. इसी क्रम में, NCERT की सात सदस्यीय कमेटी ने एक और सुझाव दिया है, जिसके अनुसार रामायण और महाभारत जैसे भारतीय महाकाव्यों को स्कूलों में शिक्षा के लिए शामिल किया जाए.

    Also Read: शंकर नेत्रालय के फाउंडर डॉ. एसएस बद्रीनाथ का 83 साल की उम्र में निधन

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रोफेसर सीआई इसाक ने बताया कि पैनल ने NCERT Syllabus में बदलाव करने की सिफारिश की है. पैनल ने यह भी कहा है कि स्कूलों के क्लासेस की दीवारों को पर स्थानीय भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना को लिखा जाना चाहिए.

    Also Read: विराट कोहली ने फाइनल में तोड़ दिया कुमार संगकारा का रिकॉर्ड

    Social Science के सिलेबस में बदलाव

    स्कूलों मे पढ़ाए जाने वाले सोशल साइंस के सिलेबस को संशोधित करने के लिए टीम गठित की गई है. NCERT की सोशल साइंस कमेटी ने किताबों में इंडियन नॉलेज सिस्टम, वेदों और आयुर्वेद को शामिल करने की बात कही है. इसके अलावा पैनल ने इतिहास को चार अवधियों में वर्गीकृत करने की सिफारिश की है.

    Also Read: वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की हार का लगा ऐसा सदमा, 2 लोगों ने कर ली आत्महत्या

    अब तक किताबों में इतिहास को तीन भागों में पढ़ाया जाता था. इसमें प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत सेक्शन शामिल हैं. पैनल की सिफारिश पर इतिहास को चार भागों- प्राचीन काल, मध्यकालीन काल, ब्रिटिश युग और आधुनिक भारत में बांटने की बात कही जा रही है.

    Also Read: Benefits of Journaling One Sentence Every Day

    भारतीय राजवंशों की पढ़ाई: NCERT

    नई एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के आधार पर एनसीईआरटी के सिलेबस में बदलाव की बात कही जा रही है. इसमें यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि NCERT Textbooks में केवल एक या दो के बजाए भारत मे शासन करने वाले सभी राजवंशों को शामिल किया जाए.

    Also Read: ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार जीता विश्व कप

    इसी कड़ी में रामायण और महाभारत से जुड़े चैप्टर्स शामिल किए जाने चाहिए. कक्षा 7वीं से लेकर 12वीं तक के सिलेबस में बदलाव होने जरूरी हैं. पैनल का कहना है कि किशोरावस्था में छात्र अपने राष्ट्र के लिए आत्म-सम्मान, देशभक्ति और गौरव का निर्माण करते हैं. हर साल हजारों छात्र देश छोड़कर दूसरे देशों में नागरिकता चाहते हैं क्योंकि उनमें देशभक्ति की कमी है. देशभक्ति बनाए रखने के लिए सिलेबस में बदलाव जरूरी है.

    Also Read: Suryakumar Yadav named as captain in India squad for Australia T20Is

    Share With Your Friends If you Loved it!