नीट (NEET) पेपर लीक मामला हाल के दिनों में पूरे देश में सुर्खियां बना रहा है. अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में चार आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से पटना में आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2024 में कथित अनियमितताओं के संबंध में रिपोर्ट मांगी है. इस मामले के आरोपी अनुराग यादव ने अपने कबूलनामे में क्या-क्या खुलासा किया है, यह जानिए.
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इस मामले का आरोपी अनुराग यादव बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है. उसने अपने कबूलनामे में बताया कि मैं नीट के परीक्षा की तैयारी कोटा के एलेन कोचिंग सेंटर में कर रहा था. मेरे फूफा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु जो कि जूनियर इंजिनियर के पद पर कार्यरत है. एक दिन मुझे फोन कर उन्होंने बताया कि 05.05.24 को नीट (NEET) का परीक्षा है, अब तुम कोटा से वापस आ जाओ. परीक्षा की सारी सेटिंग हो चुकी है. जिसके बाद उनके कहने पर मैं कोटा से वापस आ गया. मेरे फूफा ने 04.05.24 की रात में अमित आनंद एवं नीतीश कुमार के पास मुझे छोड़ा.
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आरोपी का कबूलनामा और बिहार में राजनीतिक घमासान
मुझे जिस जगह पर छोड़ा गया था, वहां पर नीट के परीक्षा का प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिका दिया गया. जहां रात में परीक्षा में आने वाले सवालों की तैयारियां कराई गई. मेरा सेंटर डी०वाई० पाटिल स्कूल में था और मैं स्कूल में परीक्षा देने गया तो जो प्रश्न पत्र पूरी तरह रटवाया गया था. मुझे परीक्षा में वहीं सवाल मिले. परीक्षा के बाद अचानक पुलिस आई गई और आकर मुझे पकड़ लिया, जिसके बाद मैंने अपना अपराध स्वीकार किया.
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बिहार में NEET की परीक्षा को लेके राजनीति भी शुरू हो गई है. इस प्रश्न पत्र लीक के कथित मास्टमाइंड सिकंदर यादवेंदु को लेकर बीजेपी और आरजेडी दोनों दल आमने-सामने हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उप मुख्य मंत्री विजय सिन्हा का कहना है कि सिकंदर तेजस्वी यादव के PA प्रीतम यादव का संबंधी हैं. जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर उल्टे बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड पर इस लीक मामले के कुछ आरोपियों के साथ संबंध का आरोप लगाया है.
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बिहार में NEET पेपर लीक और अनियमितताओं पर गहराता विवाद
बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गई हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पटना में परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.”
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अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. यह फिर से कहा जाता है कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. इसके नतीजे 14 जून को घोषित किये जाने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण नतीजे चार जून को घोषित कर दिये गए थे.
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छात्रों की मेहनत की सुरक्षा और नीट-यूजी 2024 मामले में निष्पक्षता का आश्वासन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि छात्र इन परीक्षाओं की तैयारी करने में कड़ी मेहनत करते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट-यूजी, 2024 से संबंधित मुकदमे को विरोधात्मक नहीं माना जाना चाहिए. केंद्र और एनटीए ने 13 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि उसने एमबीबीएस और अन्य ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं. केंद्र ने न्यायालय को बताया था कि इन उम्मीदवारों के पास या तो पुन: परीक्षा देने या कृपांक हटाकर प्राप्त मूलांक के आधार पर परिणाम को स्वीकार करने का विकल्प होगा.
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