सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय बच्चों की सुरक्षा ने टू-व्हीलर चालकों के लिए नए ट्रैफिक नियम जारी किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, अब 4 साल से कम उम्र के बच्चों को टू-व्हीलर पर ले जाने के लिए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा। चालकों को बच्चों के लिए हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। साथ ही टू-व्हीलर की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
बच्चों की सुरक्षा :मोटर व्हीकल एक्ट के नए नियम को जानिए
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 (1988 क 59) की धारा 137 के खंड (कक) की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सेंट्रल मोटर एक्ट नियम, 1989 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाए हैं। नए नियमों का संक्षिप्त नाम क्रेंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम, 2022 है। केंद्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 138 के उपनियम (6) के पश्चात निम्नलिखित उपनियम स्थापित किए जाएंगे
केंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम, 2022 के प्रकाशन की तारीख से एक साल के पश्चात मोटरसाइकिल चालक को 9 महीने से 4 साल के बच्चे को सीट के पीछे ले जाते समय सेफ्टी हार्नेस का उपयोग करना होगा।
क्या है सेफ्टी हार्नेस बेल्ट?
सेफ्टी हार्नेस बच्चे द्वारा पहना जाने वाला एडजेस्टेबल बेल्ट होता है। इस बेल्ट को बच्चा पहनता है, लेकिन इसका हिस्सा टू-व्हीलर राइडर से जुड़ा रहता है। जैसे बच्चा इस बेल्ट किसी स्कूल बैक की तरह पहन लेता है। फिर इसका एक हिस्सा राइडर के कमर या पेट से लॉक हो जाता है। यानी बच्चा पूरी तरह से राइडर से जुड़ा रहता है। इसका बड़ा फायदा है कि बच्चा बाइक
या स्कूटर से गिरेगा नहीं। भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 (2016 क 11) के
अधीन तैयार किए जाने वाले हार्नेस सेफ्टी बेल्ट के स्पेसिफिकेशन कुछ ऐसे होने चाहिए।
- लाइट केयरिंग, एडजेस्टेबल, वाटरप्रूफ और डुरेबल हो
- भारी नायलॉन, पर्याप्त कुशनिंग युक्त फोम वाली मल्टीफिलामेंट सामग्री से बना हो
- 30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया हो
क्रैश या साइकिल हेलमेट पहनना भी जरूरी
टू-व्हीलर पर ट्रैवलिंग के दौरान बच्चे को सुरक्षित करने के लिए गाड़ी चलाने वाले को बच्चे की सुरक्षा
के लिए हार्नेस से बांधना होता है, जो कि दो पट्टियों के साथ आता है। नए नियम में
ट्रैवलिंग के दौरान क्रैश हेलमेट या साइकिल हेलमेट भी पहनना जरूरी होगा। हेलमेट सरकार द्वारा निर्दिष्ट मानकों का पालन
करना चाहिए। केंद्र पहले ही निर्माताओं को बच्चों के लिए हेलमेट बनाना शुरू करने के लिए अधिसूचित कर .