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    दिव्यांग होने के बावजूद राहुल ने लड़ा चुनाव

    sugamya-bharat

    गाजीपुर के एक छोटे से गांव के निवासी राहुल कुमार मौर्य बचपन में तेज बुखार के कारण दिव्यांग हो गए. कई इलाजों के बावजूद उनके पैरों में सुधार नहीं आया, और वे व्हीलचेयर पर निर्भर हो गए. उनका बचपन खेल-कूद से दूर रहा, लेकिन पढ़ाई में उनकी विशेष रुचि थी. राहुल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्राट स्कूल और आदर्श इंटर कॉलेज, गाजीपुर से पूरी की, और फिर भूगोल और हिंदी जैसे विषयों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पीजी कॉलेज, गाजीपुर से किया।ग्रेजुएशन के आखिरी सेमेस्टर में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा.

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    ग्रेजुएशन के अंतिम सेमेस्टर में राहुल ने चुनाव लड़ा

    राहुल का सफर यहां समाप्त नहीं हुआ. दोस्तों के प्रेरणा देने पर, उन्होंने ग्रेजुएशन के आखिरी सेमेस्टर में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. हालांकि, शुरुआत में उनके मन में संकोच था, लेकिन दोस्तों ने उन्हें यह सलाह दी कि व्हीलचेयर पर रहते हुए भी वे लोगों की मदद करते हैं, और अगर वे चुनाव लड़ेंगे, तो वे और अधिक लोगों तक अपनी पहुँच बना सकते हैं.

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    चुनाव के समय व्हीलचेयर पर बैठकर रैली निकाली

    राहुल ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो उनके सामने कई चुनौतियां थी. व्हीलचेयर पर बैठकर हॉस्टल्स में छात्रों से मिलना, रैली निकालना और प्रचार करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. जहां अन्य लोग 20 मिनट में पहुंच जाते, वहीं राहुल को वहां पहुंचने में 40 मिनट लगते थे. हालांकि, छात्रों और संकाय के प्रतिनिधियों ने हर कदम पर उनका साथ दिया.

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