जम्मू कश्मीर लगभग 10 साल बाद चुनावी प्रक्रिया के तहत 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान की तैयारी कर रहा है। इस चुनाव के लिए सभी प्रमुख दलों ने अपनी सियासी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी, जम्मू कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), इस चुनाव में अकेले मैदान में उतरी है। वहीं, कांग्रेस ने फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है। पिछली विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी ने तीन साल तक भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाई थी।
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मुफ्ती मोहम्मद सईद : कांग्रेस से अलग होकर पीडीपी की स्थापना की
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जम्मू कश्मीर में एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है। इसकी स्थापना जुलाई 1999 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने की थी। 1998 के लोकसभा चुनाव में सईद ने अनंतनाग लोकसभा सीट जीती, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने पद और कांग्रेस से इस्तीफा देकर राज्य में एक क्षेत्रीय दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की शुरुआत की। मुफ्ती मोहम्मद सईद पार्टी के पहले अध्यक्ष चुने गए।
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मुफ्ती मोहम्मद सईद: कांग्रेस से इस्तीफा
मुफ्ती मोहम्मद सईद पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य रह चुके हैं। 1986 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें केंद्रीय पर्यटन मंत्री नियुक्त किया था। 1987 में मेरठ दंगों के बाद कांग्रेस के रुख के विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्री और बाद में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने वीपी सिंह के साथ मिलकर जन मोर्चा की स्थापना की, जो बाद में जनता दल बन गया। 1989 में जनता दल के नेतृत्व वाली पार्टियों का गठबंधन ‘नेशनल फ्रंट’ सत्ता में आया। 2 दिसंबर 1989 को वीपी सिंह ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। मुफ्ती मोहम्मद सईद को वीपी सिंह की कैबिनेट में जगह मिली।
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