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    मराठी लावणी गायिका सुलोचना चव्हाण का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण शनिवार को यहां निधन हो गया. उनके परिवार ने यह जानकारी दी. पद्मश्री से सम्मानित चव्हाण (92) ने दक्षिण मुंबई में अपने आवास पर अंतिम सांस ली. उनके बेटे और ढोलकी वादक विजय चव्हाण ने यह जानकारी दी. ‘लावणी समरदनी’ (लावणी की रानी) के रूप में प्रसिद्ध सुलोचना चव्हाण महाराष्ट्र की इस पारंपरिक संगीत शैली में सबसे मशहूर गायिकाओं में शुमार थीं. 

    प्रधानमंत्री ने किया शोक व्यक्त

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चव्हाण के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मोदी ने ट्वीट किया, “आने वाली पीढ़ियां महाराष्ट्र, विशेष रूप से लावणी की संस्कृति को बढ़ावा देने में सुलोचना ताई चव्हाण की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें याद रखेंगी. उन्हें संगीत और रंगमंच का भी शौक था. उनके निधन से दुख हुआ. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति.” 

    कोश्यारी  जताया दुख 

    कोश्यारी ने एक शोक संदेश में लिखा, “श्रीमती सुलोचना-ताई चव्हाण लावणी की निर्विवाद रानी थीं. उन्होंने कविता में जीवन का संचार किया और अपनी अनूठी आवाज व उच्चारण के बल पर कई लावणियों को अमर कर दिया. उनकी सुरीली आवाज कई और वर्षों तक जीवित रहेगी. मैं महान गायिका को अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और श्री विजय चव्हाण व शोक संतप्त परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.” 

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