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    अपने बेबाक और विवादित बयानों के लिए मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत को बड़ी राहत मिली है। धनबाद की अदालत ने कंगना के खिलाफ दायर देशद्रोह और भारत को नीचा दिखाने के आरोप वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धांत तिग्गा की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कंगना के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पर्याप्‍त साक्ष्य नहीं मिले हैं।

    पिछले साल दायर किया था मुकदमा

    दरअसल पांडरपाला में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता इजहार अहमद उर्फ बिहारी ने कंगना राणावत के खिलाफ पिछले साल नवंबर महीने में मुकदमा दायर किया था। इजहार ने कंगना पर देशद्रोह और भारत को नीचा दिखाने का आरोप लगाया था। इस याचिका पर अदालत विचार कर रही थी। इस दौरान इजहार की तरफ से आरोपों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दिए जाने पर अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।

    याची ने कहा- भारत विरोधी बयान से लगा गहरा आघात

    शिकायतकर्ता इजहार अहमद ने कोर्ट को बताया था कि 12 नवंबर 2021 को वह दोपहर करीब 12:00 बजे रणधीर वर्मा चौक के पास अखबार पढ़ रहा था।

    इसमें उसने कंगना रनोट द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयान को पढ़ा। इससे उसे काफी आघात लगा।

    इजहार ने आरोप लगाया कि कंगना ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में भारत देश को जो आजादी।

    असली आजादी साल 2014 में मिली थी, जब देश में मोदी जी की सरकार बनी।

    कंगना ने देश को किया बदनाम

    इजहार का कहना था कि ऐसा विवादित बयान देकर कंगना ने पूरे भारत देश को बदनाम किया है।

    उन्‍होंने दूसरे देशों में भारत का मजाक बनवाया है और अपने देश को नीचा दिखाया है।

    दलील दी कि भारत की आजादी में कितने माताओं ने अपने बेटों को खोया है।

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