अभी तक कोरोना और एचएमपीवी संक्रमण के चलते दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ था। मगर अब मारबर्ग वायरस से खतरा बढ़ गया है, जिससे हड़कंप मच गया है। इस वायरस के कारण तंजानिया में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सतर्क हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को बताया कि उत्तरी तंजानिया के सुदूर हिस्से में संदिग्ध मारबर्ग वायरस के प्रकोप से यह मौतें हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने एक बयान में कहा, “अब तक हमें तंजानिया में मारबर्ग वायरस संक्रमण के 9 मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें से 8 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।” डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मारबर्ग वायरस इबोला की तरह फलों और चमगादड़ों से उत्पन्न होता है और संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थों या दूषित चादरों जैसी सतहों के संपर्क में आने से दूसरों में फैलता है।
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मारबर्ग वायरस से खतरा: 88% मामलों में घातक
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यदि मारबर्ग संक्रमण का इलाज न किया जाए, तो यह 88% मामलों में जानलेवा हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, उल्टी और रक्तस्राव शामिल हैं। फिलहाल, मारबर्ग के लिए कोई मान्यता प्राप्त उपचार या टीका नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तंजानिया में संदिग्ध प्रकोप का जोखिम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक है, लेकिन वैश्विक स्तर पर यह कम है। तंजानिया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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रवांडा में मारबर्ग का पहला मामला सामने आया
मारबर्ग का प्रकोप 27 सितंबर को रवांडा में रिपोर्ट हुआ और 20 दिसंबर को इसकी घोषणा की गई। अधिकारियों ने 15 मौतों और 66 मामलों की जानकारी दी, जिनमें अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी थे। 2023 में कागेरा क्षेत्र में मारबर्ग फैलने से पांच लोगों की मौत हुई।
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