देशभर में बढ़ती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी से सावधानी बरतने की अपील की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 18-20 मई के बीच पंजाब और दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार तक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने बताया है कि शुक्रवार से सोमवार तक तापमान औसतन 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहेगा। कई क्षेत्रों में “गंभीर लू की स्थिति” बन सकती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती गर्मी हमारी सेहत पर कई तरह से प्रभाव डाल सकती है, और कुछ लोगों में इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। विशेषकर वृद्ध लोग और बच्चों को इस दौरान अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं कि गर्मी से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम क्या-क्या हो सकते हैं और इनसे बचने के लिए कौन-कौन से उपाय आवश्यक हैं।
गर्मी के स्वास्थ्य पर प्रभाव: डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों के अनुसार, बढ़ते तापमान का सेहत पर कई प्रकार से हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक गर्मी या धूप के संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक, बेहोशी, चक्कर आना, लो ब्लड प्रेशर, और हृदय गति में असमानता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषकर, डायबिटीज, हार्ट और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अधिक तापमान की स्थिति में जटिलताओं के बढ़ने का खतरा और भी अधिक हो सकता है।
गर्मियों में स्वास्थ्य जोखिम: विशेष सावधानियां डायबिटीज मरीजों के लिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, गर्मियों में निर्जलीकरण होना सामान्य है और इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने का भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज की समस्या आपकी रक्त वाहिकाओं-तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंचाने लगती है, इनमें पसीने की ग्रंथियों की तंत्रिकाएं भी शामिल हैं। इन स्थितियों में हीटवेव की समस्या शरीर को ठंडा रखने के तंत्र को भी प्रभावित कर देती है।डायबिटीज के ऐसे रोगी जिनको न्यूरोपैथी की दिक्कत (डायबिटीज न्यूरोपैथी) रही है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
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